नई दिल्ली। भारत में जारी लोकसभा चुनावों पर पाकिस्तान भी पैनी नजर गड़ाए है। छठे चरण चुनाव के तहत राजधानी दिल्ली समेत देशभर की 58 सीटों पर वोटिंग जारी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने परिवार के साथ जाकर वोट डाला। इस बीच पाकिस्तान ने भी भारतीय चुनाव में दखल देने की नापाक हरकत की है। पाकिस्तान के एक पूर्व मंत्री ने केजरीवाल की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला, जिसको लेकर उसे खुद ही मुंह की खानी पड़ी। ‘आप’ मुखिया ने ही पाकिस्तानी नेता को चपत लगाते हुए आईना दिखा दिया।
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की वह तस्वीर शेयर की जिसमें सीएम मतदान के बाद परिवार के साथ उंगली पर लगी स्याही दिखा रहे हैं। इमरान खान के करीबी फवाद चौधरी ने न केवल यह तस्वीर शेयर की, बल्कि एक संदेश भी लिखा। फवाद चौधरी ने कहा, ”शांति और सद्भाव नफरत और चरमपंथी ताकतों को हरा दें”। फवाद ने इसके साथ #मोर पावर भी लिखा। फवाद चौधरी के इस दखल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने तुरंत जोरदार पलटवार किया और उन्हें बदहाल पाकिस्तान को संभालने की नसीहत दे डाली।
केजरीवाल ने पाकिस्तान को दिखाया आइना
केजरीवाल ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए लिखा, ”चौधरी साहब, मैं और मेरे देश के लोग अपने मसलों को संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं। आपके ट्वीट की जरूरत नहीं है। इस वक्त पाकिस्तान के हालात बहुत खराब हैं। आप अपने देश को संभालिये।”
केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ”भारत में हो रहे चुनाव हमारा आंतरिक मामला है। अतंकवाद के सबसे बड़े प्रायोजकों का हस्तक्षेप भारत बर्दाश्त नहीं करेगा।”
केजरीवाल ने वोट डालने के बाद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने तानाशाही, बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ वोट डाला है।
केजरीवाल की तिहाड़ जेल से रिहाई पर क्या बोले थे फवाद चौधरी
गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब फवाद चौधरी का केजरीवाल प्रेम उमड़ता दिखा हो। इससे पहले 11 मई को केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे पीएम मोदी की हार बताया था। फवाद चौधरी ने ‘एक्स’ पर कैप्शन के साथ केजरीवाल का फोटो पोस्ट कर कहा था कि मोदी जी एक और लड़ाई हार गए #केजरीवाल रिहा… उदारवादी भारत के लिए अच्छी खबर। फवाद चौधरी ने अपने देश में कानून के शासन की स्थिति पर भी अफसोस जताया था। उन्होंने कहा था कि नागरिक समाज, बार एसोसिएशन, मीडिया संगठन और मानवाधिकार संगठन पूरी तरह से शांत हो गए हैं।