डेस्क:समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण (जेपी) की जयंती पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और यूपी पुलिस के जवानों के बीच जमकर आमना-सामना हुआ। अखिलेश जेपीएनआईसी जाने के लिए अड़े रहे, लेकिन पुलिस ने इजाजत नहीं दी। इस दौरान, अखिलेश ने नीतीश कुमार से केंद्र में मोदी सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग कर डाली। अब जेडीयू नेता केसी त्यागी ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अखिलेश यादव को कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई इमरजेंसी और ‘तानाशाही’ की याद दिलाई है।
‘एबीपी न्यूज’ के अनुसार, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, “जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन कांग्रेस की तानाशाही के खिलाफ था। 25 जून (1975) को इमरजेंसी लगाई गई थी। उस समय अभिव्यक्ति की कोई स्वतंत्रता नहीं थी। अखिलेश यादव की टिप्पणी अनुचित है। हम अखिलेश यादव को याद दिलाना चाहते हैं कि उनके पिता और नीतीश कुमार को जिस सरकार ने जेल में रखा, उनकी आजादी को खत्म किया, उस कांग्रेस से अखिलेश जी को अपने रिश्ते खत्म कर देने चाहिए।” बता दें कि राष्ट्रीय स्तर पर बने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस कर रही है, जबकि इसमें समाजवादी पार्टी भी हिस्सा है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने साथ में चुनाव लड़ा था, जिसमें अखिलेश यादव की सपा को 37 और कांग्रेस को छह सीटें मिली थीं।
‘जेपी के सिद्धांतों की परवाह नहीं करते अखिलेश’
इसके अलावा जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने एक बयान में कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, ”जेपी (जयप्रकाश नारायण) के नाम पर राजनीति करने वाले अखिलेश यादव ने विचित्र टिप्पणी की है, लेकिन वह कभी भी उस दिवंगत नेता के सिद्धांतों की परवाह नहीं करते हैं जिसने जीवन भर वंशवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी।” जेडीयू के प्रवक्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी एक परिवार के चंगुल में है और इसलिए अखिलेश यादव को जेपी की विरासत को याद दिलाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। प्रसाद ने यादव के बयान का समर्थन करने के लिए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की भी आलोचना की और कहा कि इसी कांग्रेस ने जेपी और उनके समर्थकों को अनगिनत दुख दिए थे।
बीजेपी से समर्थन वापस लेने की मांग की थी
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की बीजेपी सरकार पर जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने से रोकने का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार से बीजेपी से समर्थन वापस लेने का आग्रह किया था। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्हें लखनऊ में नजरबंद कर दिया है और वह उन्हें जेपी के नाम पर बने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र जाने से रोकना चाहती है। इसको लेकर बीती रात से ही जेपीएनआईसी के बाहर बड़ी-बड़ी टीनें लगाकर एंट्री रोक दी गई थी। शुक्रवार सुबह भी अखिलेश यादव के आवास के बाहर बड़ी संख्या में यूपी पुलिस के जवानों की तैनाती की गई, जिससे पूर्व मुख्यमंत्री जेपीएनआईसी न जा सकें।