लखनऊ:समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर मंशा पूरी तरह साफ कर दी है। लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा को लेकर लेकर अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश में 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। हालांकि लोकसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन रखने की बात भी कही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 18 प्रत्याशियों की एक और सूची जारी करने का संकेत भी दिया है। इसे सपा और कांग्रेस के बीच फ्रैंडली फाइट माना जा रहा है।
क्या मध्य प्रदेश में प्रचार करने जाएंगे अखिलेश
अब सवाल है कि हालिया विवाद के बाद क्या अखिलेश यादव मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों का प्रचार करने जाएंगे। अगर वह वहां प्रचार करते हैं तो जाहिर है कि उनके निशाने पर भाजपा ही होगी। यह देखने की बात होगी कि वह कांग्रेस के प्रति क्या रुख अपनाते हैं। मध्य प्रदेश के प्रांतीय नेताओं से अखिलेश यादव गहरी नाराजगी को जाहिर कर चुके हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव उन्हें छुटभैये नेता बता चुके हैं। अखिलेश कांग्रेस के साथ विवाद के पहले मध्य प्रदेश जाकर जनसभाएं कर चुके हैं। माना जा रहा है कि सपा राजस्थान व छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस से तालमेल के बगैर कुछ सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।
राज्यों के लिए ना, लोकसभा चुनाव के लिए हां
बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने देर से ही सही लेकिन सपा को स्पष्ट कर दिया है कि ‘इंडिया’ गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए हुआ है और उसके तहत राज्यों में सीटों का बटवारा होगा लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन नहीं है। विधानसभा चुनाव के नतीजे अगले महीने आ जाएंगे और उसके नतीजों की रोशनी में आम चुनावों के लिए कांग्रेस राज्यों में सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा करेगी, तब उसकी निगाह सबसे बड़े राज्य यूपी में होगी, जहां अखिलेश यादव कांग्रेस को सीटें देंगे। क्या वह हाालिया विवाद का जवाब उस वक्त देंगे या पहले की तरह बड़ा दिल दिखाएंगे यह जल्द साफ होगा। इस बीच मध्य प्रदेश में भाजपा अब कांग्रेस सपा के रिश्तों के विरोधाभासों को उजागर करेगी।