डेस्क:भाजपा के चाणक्य और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में पटना और गोपालगंज से चुनावी बिगुल फूंक दिया। दावा किया कि 2025 में बिहार में मोदी और नीतीश के नेतृत्व में सरकार बनेगी। अमित साह के बिहार दौरे पर जन सुराज के प्रशांत किशोर ने पॉलिटिकल अटैक किया है। कहा है कि नवम्बर तक शाह और मोदी का बिहार प्रेम दिखेगा। उसके बाद इनका बंगाल और तमिलनाडु से प्रेम छलकेगा।
जन सुराज उद्घोष यात्रा के तहत एक दिवसीय दौरे पर रविवार को कटिहार पहुंचे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार में चुनाव हैं, इसलिए नवंबर तक अमित शाह और मोदी जी का सिर्फ बिहार प्रेम दिखेगा। चुनाव होने तक हर केंद्रीय योजना का शिलान्यास बिहार से होगा, किसान सम्मान निधि का पैसा भी बिहार से भेजा गया और आगे भी ऐसा ही होगा। उन्हें चुनाव तक बिहार का गौरवशाली इतिहास भी दिखेगा। उन्हें बिहार की चिंता सताएगी लेकिन ये नेता यह नहीं बताएंगे कि पिछले 14-15 सालों में बिहार के बच्चों के लिए क्या किया है। यह नहीं बातएंगे कि गुजरात की फैक्ट्रियों में काम करने वाले बिहार के बच्चे अपने राज्य में कब लौटेंगे और यहीं रोजी रोजगार कर पाएंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह केवल वहीं कैंप करते हैं जहाँ चुनाव होते हैं। अभी बिहार में चुनाव हैं इसलिए यह प्रदेश जुबान पर है। उसके बाद मोदी और शाह का बंगाल और तमिलनाडु के प्रति प्रेम दिखेगा। इसके साथ ही अमित शाह जी को बताना चाहिए कि केंद्र सरकार ने बिहार के विकास के लिए क्या किया हैं। अमित शाह जी को बताना चाहिए कि पिछले 11 वर्षों में एनडीए सरकार ने बिहार में कितनी फैक्ट्रियां लगाई हैं।
बीजेपी की बी टीम होने के सवाल पर कहा कि प्रशांत किशोर ने कहा कि सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी जैसे नेताओं के घर कभी ईडी, सीबीआई की रेड नहीं पड़ी तो वे भाजपा की बी टीम हैं क्या? यह बात राजद वाले कहते हैं क्योंकि मुसलमान उनसे खिसकर जन सुराज की ओर आ रहे हैं। डराने के लिए ऐसा बोल रहे हैं। जन सुराज राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कहा कि हमने एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर नीतीश कुमार की पार्टी के दूसरे सबसे ताकतवर पोस्ट को छोड़ दिया। वक्फ संशोधन बिल का भी जन सुराज विरोध करता है क्योंकि पूर्वजों ने देश को सेकुलर बनाया तो तो उसे बरकरार रहना चाहिए। इस मुद्दे पर पहले मुसलमानों को विश्वास में लिया जाना चाहिए।