कोटा:प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कोटा के विज्ञान नगर इलाके में एक और कोचिंग छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 17 वर्षीय यह छात्र राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रहा था। इस वारदात के साथ ही इस वर्ष कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 14 हो गई है। छात्रों की आत्महत्या के तीन मामले तो केवल इसी महीने सामने आए हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
मृतक कोचिंग छात्र मेहुल वैष्णव उदयपुर के सलूंबर का रहने वाला था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि छात्र मेहुल वैष्णव पिछले कुछ महीनों से एक संस्थान में NEET की कोचिंग कर रहा था। वह दो अन्य लड़कों के साथ शहर के एक छात्रावास में रह रहा था। पुलिस ने छात्र के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि परिजन जब कोटा पहुंच जाएंगे तब शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
मेहुल वैष्णव करीब दो महीने पहले कोटा आया था। मेहुल के दोस्तों ने देखा वह कमरे में फांसी पर लटका हुआ है। मेहुल के साथ एक और लड़का रहता था। उसका पार्टनर रात को कमरे पर नहीं था। इस दौरान मेहुल रूम पर अकेला ही था। पुलिस को छात्र के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। साथी छात्रों ने बताया कि छात्रावास में रात 10 बजे तक मेहुल को देखा था। उसके बाद वो कमरे से बाहर नहीं आया। वह जब आज सुबह 11 बजे तक बाहर नहीं आया तो वहां के छात्रों ने वार्डन को बताया।
समाज सेवी देवी शंकर वैष्णव ने बताया कि उनके छात्रावास में केवल ठहरने की सुविधा है। उसमें डबल छात्रों को डबल शेयरिंग में ही रूम दिया जाता है। छात्रावास में खाने-पीने का इंतजाम नहीं होने पर छात्र मेस में ही खाना खाते हैं या फिर टिफिन मंगाते हैं। मेहुल के रूम पार्टनर से मिली जानकारी के मुताबिक, छात्र ने सोमवार रात को खाना नहीं खाया था। वह काफी परेशान दिखाई दे रहा था।
पुलिस को उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना की जांच चल रही है। छात्र के परिवार के कोटा आने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। 16 जून को कोटा के महावीर नगर में एक 21 वर्षीय NEET परीक्षार्थी ने आत्महत्या कर ली थी। 12 जून को एक 17 वर्षीय जेईई अभ्यर्थी ने जान दे दी थी। बीते मई महीने में कोटा में चार छात्रों ने आत्महत्या की थी। पिछले साल कोटा में 15 कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2011 के बाद से कोटा में कम से कम 121 छात्रों ने जान दी है।