श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को पाकिस्तान को उसकी लोकतांत्रिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ द्वारा अनुच्छेद-370 पर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान को अपना घर संभालना चाहिए और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
कश्मीर के बडगाम में संवाददाताओं से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के जम्मू-कश्मीर चुनावों पर टिप्पणी करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान का हमसे क्या लेना-देना? हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हैं। उन्हें अपने देश की देखभाल करनी चाहिए और हमें अपने देश की देखभाल करने दें। हमारे चुनावों में उनकी दखलंदाजी या चुनाव प्रक्रिया पर टिप्पणी करना सही नहीं है। उन्हें अपनी लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए और हमें अपने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने दें।”
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि पाकिस्तान और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A की बहाली के मुद्दे पर सहमत हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 को बहाल करने को समर्थन देने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस ने विवादास्पद मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है। एनसी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक समाचार एजेंसी से कहा, “मुझे नहीं पता पाकिस्तान क्या कहता है। मैं पाकिस्तानी नहीं हूं, मैं एक भारतीय नागरिक हूं।”
पाकिस्तानी मंत्री के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने X (ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के इस बयान ने एक बार फिर से कांग्रेस का चेहरा उजागर किया है। उन्होंने कहा, “यह बयान एक बार फिर से स्पष्ट करता है कि कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे और एजेंडा एक जैसे हैं। पिछले कुछ वर्षों में राहुल गांधी ने हर उस ताकत के साथ खड़ा होने का प्रयास किया है जो भारत-विरोधी है। चाहे वह एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने की बात हो या भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक बातें कहना, राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान की धुन हमेशा एक जैसी रही है।” शाह ने जोर देकर कहा, “लेकिन, कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान भूल जाते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार है, इसलिए न तो अनुच्छेद 370 वापस आएगा और न ही आतंकवाद।”
गौरतलब है कि अगस्त 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने संसद में अनुच्छेद 370 और 35A को रद्द कर दिया था, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त हो गया था। इसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था। तब से, स्थानीय मुख्यधारा की पार्टियों जैसे एनसी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अनुच्छेद 370 की बहाली की बात कर रही हैं, जबकि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने पाकिस्तान को “एक आतंकवादी देश” बताते हुए कहा कि यह कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कश्मीर पर रुख का समर्थन करता है।