जयपुर:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संविदाकर्मियों को दिवाली गिफ्ट दिया है। प्रदेश में अब संविदाकर्मियों को सरकार की ओर से निर्धारित बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। सरकार ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल-2022 लागू कर दिया है। इसके तहत अब संविदाकर्मी को 10400 रुपए निर्धारित मानदेय मिलेगा। साथ ही पदनाम भी परिवर्तित किए गए हैं।
पदनाम में भी परिवर्तन
शिक्षामंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी ने आदेश जारी कर दिए है। सरकार के इस निर्णय से 23 हजार 749 ग्राम पंचायत सहायक, 1764 वरिष्ठ शिक्षाकर्मियों, 2048 सामान्य शिक्षाकर्मियों, 3886 पैरा टीचर्स को इसका लाभ मिलेगा। इस प्रकार प्रदेश में वर्तमान में कार्यरत 31 हजार 473 संविदा कर्मियों को इसका तुरंत लाभ मिलेगा। इन सभी संविदा कर्मियों को 10400 मानदेय के तौर पर मिलेंगे। सरकार ने इनके पदनाम में भी परिवर्तन किया है। अब शिक्षाकर्मी के तौर पर काम कर रहे संविदा कर्मियों को शिक्षा सहायक. पैरा टीचर्स को पाठशाला सहायक औऱ विद्यार्थी मित्र को विद्यालय सहायक कहा जाएगा।
ये फायदा मिलेगा
राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल-2022 लागू होने के साथ ही 9 साल से कम अवधि में काम कर रहे संविदा कर्मियों को 10 हजार 400 रुपये मानदेय के रूप में मिलेगा। लेकिन लंबे समय से काम कर रहे संविदा कर्मियों को इसका अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा। जो शिक्षाकर्मी 9 साल से संविदाकर्मी के तौर पर काम कर रहा था, उसे शिक्षा सहायक ग्रेड 2 के तहत 18 हजार 500 औऱ शिक्षा सहायक 18 साल से काम कर रहा था, उसे शिक्षा सहायक ग्रेड 1 के तहत 32 हजार 300 रुपये मिलेंगे।
मानदेय में बढ़ोतरी
इसी तरह पैरा टीचर अब पाठशाला सहायक कहलाएगा। उसे अब 18 हजार 500 रुपये मिलेंगे। 18 से साल से अधिक काम कर रहा है तो 32 हजार 300 रुपये मिलेंगे। विद्यालय सहायक को 18 हजार 500 रुपये मिलेंगे। 18 साल से काम कर रहा है तो 32 हजार 300 रुपये मिलेंगे। बता दें सीएम अशोक गहलोत ने संविदा कर्मियों की समस्या के समस्या के समाधान के लिए मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षत कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया था। सचिवालय में कमेटी की कई मैराथन बैठक हुई। इसके बाद रिपोर्ट सीएम गहलोत सौंप दी गई।