नई दिल्ली:असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। एनडीआरएफ ने अब तक लगभग 17,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। एनडीआरएफ ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा है कि इनमें से नौ सौ लोगों को गुरुवार को निकाला गया। राज्य के 14 बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की कुल 26 टीमें लगाई गई हैं। 16 जून से राज्य में बचाव एवं राहत अभियान शुरू किया गया था। इस दौरान नौ लोगों की जान बचाई जा चुकी है।
एनडीआरएफ ने बताया कि राज्य में 54.5 लाख से अधिक लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। 12 और लोगों की मौत की सूचना है। उन्होंने कहा कि मई के मध्य से अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 101 हो गई है। अधिकांश प्रभावित जिलों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियां अपनी सहायक नदियों के साथ उफान पर हैं। राज्य के कुल 36 जिलों में से 32 जिलों में भूमि का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है। हालांकि, कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी कम हुआ है।
वहीं असम के नागांव में रोहा क्षेत्र के फुलगुरी के सरकारी विभाग के कार्यालयों, स्कूलों और अस्पतालों के परिसर में बाढ़ का पानी घुसा।
जिले की एकीकृत बाल विकास सेवा पर्यवेक्षक, एनपी.डोले ने कहा – ‘बाढ़ की वजह से आंगनवाड़ी बंद है जिसकी वजह से हम लोग प्री-स्कूल नहीं चल पा रहे हैं इसलिए हम रिलीफ कैंप में ही प्री-स्कूल के शारीरिक गतिविधियां करा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस कैंप का जायज़ा लिया है।
असम के सिलचर और कछार ज़िले में बाढ़ की स्थिति अभी भी बनी हुई है। प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान चलाया जा रहा है। सिलचर शहर की स्थिति काफी खराब सिलचर शहर भी भीषण बाढ़ की चपेट में है। यह शहर सोमवार से ही पानी में डूबा हुआ है। लोगों को भोजन के साथ ही पेयजल भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यहां के सांसद राजदीप राय ने कहा है कि सिलचर में पिछले 70 साल में ऐसी बाढ़ नहीं आई। लोग हर समय राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं।