अयोध्या:राम मंदिर निर्माण के साथ रामजन्मभूमि की सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव दिखेगा। दिसम्बर 2023 में मंदिर निर्माण के साथ सुरक्षा की कमान एसएसएफ की नयी यूनिट संभालेगी। प्रदेश सरकार ने रामजन्म भूमि की सुरक्षा के लिए इस विशेष बल का गठन केंद्र सरकार के परामर्श से किया है। इसकी पुष्टि मंगलवार को एडीजी सुरक्षा वीके सिंह ने की। वह यहां रामजन्म भूमि की स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक में शामिल होने आए थे। उनके साथ एडीजी कानून व्यवस्था बीबी शर्मा भी थे लेकिन मुख्य सचिव व डीजीपी के दौरे को लेकर बैठक से वापस हो गये।
इसके पहले यह बैठक रामघाट स्थित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के रामजन्मभूमि कार्यशाला में शुरू हुई। इस स्थान पर बीते चार जुलाई 2022 को भी स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक इन्हीं वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई थी। फिलहाल बैठक में पिछली कार्यवाही की पुष्टि के क्रम में पूर्व के निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा की गयी। रामजन्मभूमि परिसर में स्थित पीएसी कैंप को हटाकर यथा प्रस्तावित स्थल पर शिफ्ट किया जाना है। इसी संदर्भ में पुलिस लाइन के निर्माण का निर्णय लिया जा चुका है लेकिन भूमि की उपलब्धता के कारण क्रियान्वयन अधर में है। पिछली बैठक में जिला प्रशासन की ओर से बेगमपुरा मोहल्ले में नजूल की 11 हजार वर्ग फिट भूमि के आवंटन की सूचना दी गयी थी लेकिन अभी प्रश्नगत भूमि पर निर्माण की कोई कार्यवाही नहीं हुई।
पीएसी कैंप स्थल पर प्रस्तावित है तीर्थयात्री सुविधा केंद्र
रामजन्मभूमि परिसर में पीएसी कैंप स्थल पर तीर्थयात्री सुविधा केंद्र का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव के कारण ही रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने पीएसी के अस्थाई बैरकों को पुलिस लाइन निर्माण के लिए आवंटित भूमि पर अपने खर्च से शिफ्ट कराने का आश्वासन दिया था। फिलहाल इस स्थान पर आवागमन के संकरे रास्तों को लेकर विभागीय अधिकारियों ने आपत्ति की थी। इस आपत्ति के निस्तारण से पहले निर्माण प्रक्रिया शुरू करना संभव नहीं। एडीजी सिंह ने बताया कि मंदिर निर्माण को देखते हुए सुरक्षा का खाका नये सिरे से तैयार हो रहा है जो कि अंतिम दौर में है।
मंदिर निर्माण स्थल पर प्रगति के साथ बदल रही है सुरक्षा की लोकेशन
रामजन्मभूमि की स्थाई सुरक्षा समिति की बैठक में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय सहित अन्य न्यासी सदस्य भी सम्मिलित हुए। इस बारे में महासचिव चंपत राय ने बताया कि संस्था के गठन के बाद कमिश्नर से चल-अचल सम्पत्तियों के हस्तांतरण के दस्तावेज ही प्राप्त हुए। सुरक्षा व्यवस्था यथावत रही। अब मंदिर निर्माण से सुरक्षा की लोकेशन बदल रही है। इसके चलते केंद्र सरकार के निर्देश पर सीआईएसएफ ने यहां अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट पर बैठक में मंथन चल रहा है। इसी संदर्भ में ट्रस्ट की ओर से भी सुरक्षा के लिए सुझाव दिए गये हैं जिन पर भी विचार विमर्श हुआ।
उन्होंने बताया कि भविष्य की सुरक्षा तकनीक के आधार पर हो, यह भी विचार का विषय है। इस सम्बन्ध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भी आवश्यक सुझाव आए हैं। बैठक में अधिकारी सभी सुझावों को समाहित कर एकरूपता लाने की दृष्टि से मंथन कर रहे हैं। बैठक में कमिश्नर नवदीप रिणवा, डीआईजी एपी सिंह, डीएम नितीश कुमार, एसएसपी प्रशांत वर्मा, सीआरपीएफ व पीएसी एवं गुप्तचर एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे।