देहरादून: यूपी, बिहार, एमपी, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा-2023 करने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि सरकार द्वारा यात्रा पर जाने से पहले रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के लिए सरकार द्वारा सख्ती दिखाते हुए रजिस्ट्रेशन के बिना किसी भी तीर्थ यात्री को चारधाम जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रियों के पंजीरकरण करने के लिए सरकार ने ठोस रणनीति भी बनाई है। देश-विदेश से चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने व्हाट्सएप सहित चार माध्यमों से पंजीकरण करने की सुविधा दी है।
केदारनाथ-बदरीनाथ के लिए ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन
केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए 21 फरवरी से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चारधाम यात्रा पर जाने के इच्छुक तीर्थ यात्री वेबसाइट, टोल फ्री नंबर, व्हाट्सअप नंबर पर पंजीकरण करा रहे हैं। सरकार की ओर से तीर्थ यात्रियों को यात्रा पर जाने से पहले पंजीकरण के लिए चार विकल्प दिए हैं।
श्रद्धालु वेबसाइट, व्हाट्सअप नंबर, टोल फ्री नंबर के साथ ही मोबाइल एप पर भी अपनी सुविधानुसार पंजीकरण करा सकते हैं। श्रद्धालु वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण करा सकेंगे। व्हाट्सअप नंबर 8394833833 पर पंजीकरण का विकल्प रहेगा।
टोल फ्री नंबर 01351364 के साथ मोबाइल एप touristcareuttarakhand को डाउनलोड कर भी पंजीकरण किया जा सकेगा। अभी पहले चरण में सिर्फ केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के लिए ही पंजीकरण होंगे। पहले नवरात्र के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय होते ही चारों धामों के लिए पूरी संख्या में पंजीकरण शुरू हो जाएंगे।
बद्री केदार के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा पंजीकरण
केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के लिए कुल एक लाख 51 हजार से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार केदारनाथ धाम के लिए अभी तक 83 हजार से अधिक पंजीकरण जबकि बद्रीनाथ धाम के लिए 68 हजार के करीब पंजीकरण हो चुके हैं। विदित है कि सरकार ने 21 फरवरी को चारधाम के लिए पंजीकरण शुरू किए थे। इसके तहत बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए पंजीकरण के लिए रहे हैं। आठ दिन में कुल डेढ़ लाख तीर्थ यात्री दोनों धामों के लिए अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
ऋषिकेश पहुंचने वाले यात्रियों को मिले पंजीकरण में प्राथमिकता
परिवहन संस्थाओं और ट्रेवल एजेंटों ने ऋषिकेश पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर पंजीकरण और धामों में दर्शन की सुविधा देने का मामला उठाया है। कहा कि बीते साल वक्त पर पंजीकरण न होने से यात्रियों को दिक्कतें झेलनी पड़ी और कारोबार पर भी असर पड़ा।
संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति कार्यालय में चारधाम यात्रा की तैयारी को लेकर परिवहन संस्थाओं और पंजीकृत ट्रेवल एजेंटों की संयुक्त बैठक में यात्रा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। जीएमसीसी अध्यक्ष संजय शास्त्री ने बताया कि बीते वर्ष चारधाम यात्रा ने रिकार्ड जरूर तोड़ा, लेकिन ऋषिकेश में अव्यवस्थाएं हावी रही।
यात्री पंजीकरण का सीमित स्लॉट होने के कारण तीर्थयात्री पंजीकरण के लिए परेशान रहे। सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस बार पिछले साल जैसी बदइंतजामी का तीर्थयात्रियों को सामना नहीं करना पड़े। प्रदेश सरकार से ऋषिकेश आने वाले सभी तीर्थयात्रियों का पंजीकरण प्राथमिकता के आधार पर करने और धामों के दर्शन की सुविधा देने की मांग की।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और सीमित संख्या को खत्म किया जाए
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता एवं यात्रियों की सीमित संख्या खत्म करने की मांग को लेकर होटल एसोसिएशन ने रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया। साथ ही इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की मांग की। श्री केदारधाम होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मुलाकात की।
इस दौरान ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता से तीर्थ यात्री अपनी बुकिंगें कैंसिल कर रहे हैं। जिसका असर सीधे स्थानीय व्यवसायियों के व्यवसाय पर पड़ रहा है। एसोसिएशन ने यात्रा पड़ावों पर पैदा हुई अनेक समस्याओं कूड़ा निस्तारण, विद्युत, पेयजल सहित यात्रा पड़ाव शेरसी में मोबाइल कनेक्टिविटी न होने संबंधी दिक्कतों से भी जिलाधिकारी को अवगत कराया।
जिलाधिकारी ने होटल व्यवसायियों को बताया कि रजिस्ट्रेशन करने के दौरान हो रही दिक्कतों को सुलझाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूर्व की अपेक्षा और अधिक संख्या में श्रद्धालु दर्शनों को पहुंचेंगे। इसलिए उद्देश्य बेहतर व्यवस्था बनाना है। यात्रा पड़ावों में हो रही विभिन्न समस्याओं के निराकरण की कार्रवाई की जाएगी।