जयपुर:राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ की कांग्रेस मुख्यालय में मंत्री शांति धारीवाल की जन सुनवाई के बाद मुख्य सचिव ऊषा शर्मा के साथ भी वार्ता विफल हो गई है। गहलोत सरकार ने राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ को वार्ता के लिए बुलाया था। महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए सचिवालय गया था। वार्ता में मुख्यमंत्री सचिव आरती डोगरा, पंचायतीराज सचिव अपर्णा अरोड़ा और कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमंत गैरा मौजूद रहे। लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई।बेरोजगार राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं। इससे पहले पुलिस और बेरोजगार युवकों के बीच झड़प हुई थी। उपेन यादव ने गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उपेन यादव का कहना है कि राज्य सरकार बेरोजगारों की मांगों के प्रति गंभीर नहीं है।
राज्य सरकार द्वारा पहले बजट में 6000 पदों पर टेक्निकल हेल्पर भर्ती निकालने की घोषणा की थी लेकिन हाल ही में राज्य सरकार द्वारा 1512 पदों पर भर्ती की जा रही है। इसलिए राज्य सरकार अपने बजट घोषणा को जल्द पूरा करें। और टेक्निकल हेल्पर भर्ती में 6000 पद किए जाए। पंचायती राज JEN भर्ती बजट घोषणा के अनुसार 2100 पदों के साथ 539 पदों को जोड़ते हुए जल्द से जल्द विज्ञप्ती जारी की जाए और लिखित परीक्षा के माध्यम भर्ती परीक्षा आयोजित की जाए। जूनियर अकाउंटेंट भर्ती को CET से बाहर किया जाए। जल्द से जल्द विज्ञप्ति जारी करके परीक्षा तिथि की घोषणा की जाए। प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं में प्रदेश के बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाए और बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों के ऊपर रोकथाम लगाई जाए।
उपेन यादव का कहना है कि हरियाणा और मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में स्थानीय युवकों के लिए नौकरियों में वरियता दी गई है। हमारी मांग है कि गहलोत सरकार को भी बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों पर रोक लगाना चाहिए। युवा बेरोजगार आयोग बनाया जाए। बेरोजगारी भत्ते में अनिवार्य की गई इंटर्नशिप को रद्द किया जाएसरकारी या प्राइवेट भर्तियों में प्रदेश के बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाए। उल्लेखनीय है कि उपेन यादव रीट पेपर लीक मामले में भी सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन कर चुके हैं। उपेन यादव का कहना कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही है।