हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश के लिए व्रत रखा जाता है। इस बार भाद्रपद मास की संकष्टी चतुर्थी 15 अगस्त 2022, सोमवार को है। इस दिन को बहुला चौथ के नाम से भी जाना जाता है।
संकष्टी चतुर्थी महत्व-
मान्यता है संकष्टी चतुर्थी व्रत के पुण्य प्रभाव से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है। जीवन में खुशहाली व सुख-शांति आती है। कहा जाता है कि विघ्नहर्ता जीवन की सभी समस्याओं का निपटारा करते हैं। जातक की मनोकामना पूरी होती है। चतुर्थी तिथि पर चंद्रदर्शन का भी विशेष महत्व होता है।
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि, रविवार 14 अगस्त को रात 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 15 अगस्त को रात 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के कारण संकष्टी चतुर्थी व्रत 15 अगस्त को रखा जा रहा है।
संकष्टी चतुर्थी पर बन रहे शुभ योग-
15 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। व्रत पूजन मुहूर्त रात 09 बजकर 27 मिनट से आरंभ होगा।
संकष्टी चतुर्थी पूजा- विधि
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
गणपित भगवान का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करें।
भगवान गणेश को दूर्वा घास भी अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
भगवान गणेश को सिंदूर लगाएं।
भगवान गणेश का ध्यान करें।
गणेश जी को भोग भी लगाएं। आप गणेश जी को मोदक या लड्डूओं का भोग भी लगा सकते हैं।
इस व्रत में चांद की पूजा का भी महत्व होता है।
शाम को चांद के दर्शन करने के बाद ही व्रत खोलें।
भगवान गणेश की आरती जरूर करें।