नई दिल्ली: भारत के शेयर बाजार में आईपीओ की धूम मची हुई है। ईवाई इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में 111 कंपनियों के आईपीओ ने दस्तक दी। इन IPO के जरिए कंपनियों ने बंपर पूंजी जुटाई। यह संख्या पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ग्लोबल IPO मार्केट में दबदबा बढ़ता जा रहा है। तीसरी तिमाही में दुनियाभर में जितने भी IPO आए, उनमें से 36% भारत से थे। इस मामले में भारत ने अमेरिका (13%) को भी पीछे छोड़ दिया।ईवाई इंडिया के इंडिया मार्केट्स लीडर प्रशांत सिंघल ने बताया कि भारतीय IPO बाजार की यह शानदार रफ्तार पूंजी बाजारों की बढ़ती परिपक्वता और बढ़ते निवेशक विश्वास को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, ‘चूंकि हम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के निवेशकों से मजबूत भागीदारी देख रहे हैं। लिहाजा, भारत उन कंपनियों के लिए एक पसंदीदा जगह के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है जो सार्वजनिक होना चाहती हैं।’
कंपनियों ने आईपीओ से कितनी जुटाई पूंजी?
रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्य और SME दोनों ही बाजारों में IPO गतिविधियों में तेजी देखने को मिली है। मेन मार्केट में 27 IPO आए। यह पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 29% अधिक है। इन IPO के जरिए कंपनियों ने 428.5 करोड़ डॉलर जुटाए। यह पिछले साल की तुलना में 142% ज्यादा है। वहीं, SME सेगमेंट में 84 IPO के जरिए 39.8 करोड़ डॉलर जुटाए गए।
EY India के मुताबिक, ‘2024 की तीसरी तिमाही में मुख्य और SME दोनों बाजारों में असाधारण ग्रोथ देखने को मिली है। मुख्य बाजार ने 27 IPO आए, जो 2023 की तीसरी तिमाही में 21 IPO की तुलना में 29% की ग्रोथ है। SME सेगमेंट ने 84 IPO के साथ मजबूत रफ्तार बनाए रखी।’
2024 की तीसरी तिमाही में भारत के मुख्य बाजार में 27 IPO आए। जबकि पिछली तिमाही में 13 IPO आए थे। बाजार के शानदार प्रदर्शन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि IPO ने साल-दर-साल 65.3% रिटर्न दिया है। यह रिटर्न BSE सेंसेक्स के 14.9% रिटर्न से काफी बेहतर है।
कंज्यूमर रिटेल प्रोडक्ट्स, डायवर्सिफाइड इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स, रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर मुख्य और SME दोनों ही बाजारों में IPO गतिविधि का नेतृत्व कर रहे हैं।
किन प्रमुख आईपीओ ने दी दस्तक?
बजाज हाउसिंग फाइनेंस (781.16 मिलियन डॉलर), ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (732.25 मिलियन डॉलर) और फर्स्ट क्राई (499.45 मिलियन डॉलर) तीसरी तिमाही के लिए कुछ प्रमुख IPO में से थे।
अनुकूल मैक्रोइकोनॉमिक परिस्थितियों ने IPO गतिविधि के लिए मजबूत मौके पैदा किए हैं। उम्मीद है कि 2025 तक ब्याज दरें कम होकर 6.2% हो जाएंगी। खुदरा महंगाई दर घटकर 4.5% रह जाएगी। सेकेंडरी मार्केट में मिड और स्मॉलकैप शेयरों के मजबूत प्रदर्शन ने अधिक से अधिक गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को सार्वजनिक लिस्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया है। अकेले 2024 की तीसरी तिमाही में 68 कंपनियों ने अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है।
EY India का मानना है कि आगे भी IPO बाजार में तेजी बनी रहेगी। हुंडई मोटर इंडिया और स्विगी जैसी कई बड़ी कंपनियों को लिस्टिंग की मंजूरी मिल गई है। EY India का मानना है कि IPO बाजार का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है। नए IPO के लिए आवेदन और सेकेंडरी बाजार के शानदार प्रदर्शन से संकेत मिलते हैं कि भारतीय IPO बाजार में तेजी बरकरार रहेगी।