भारत में नौकरियों में उल्लेखनीय वृद्धि और बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर घटकर 2022-23 में 2.4 % पर पहुंच गई। वहीं, इसी अवधि में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी घटकर 5.4 प्रतिशत हो गई। इसके साथ ही महिलाओं और युवाओं के रोजगार प्रतिशत में भी वृद्धि हुई है। यह तथ्य समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा सरकारी संस्थाओं के आंकड़ों का विशेषलेण करने के बाद सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, पांच सरकारी संस्थाओं के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि पिछले कुछ वर्षों में नौकरियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस), ईपीएफओ, आरबीआई, नेशनल करियर सर्विसेज या एनसीएस पोर्टल और केंद्र सरकार की विभिन्न नौकरी-केंद्रित योजनाओं के डेटा, सभी पिछले कुछ वर्षों में नौकरियों में वृद्धि और बेरोजगारी दर में गिरावट दर्शाते हैं। पिछले छह वर्षों का आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण या पीएलएफएस डेटा श्रम भागीदारी दर और श्रमिक जनसंख्या अनुपात में सुधार की प्रवृत्ति का संकेत देता है।
पिछले छह वर्षों के पीएलएफएस डेटा से पता चलता है कि देश में रोजगार 2017-18 में 46.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 56 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार, श्रम बल की भागीदारी भी 2017-18 में 49.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 57.9 प्रतिशत हो गई है। बेरोजगारी दर 2017-18 में 6 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.2 प्रतिशत हो गई है। 2022-23 में, 2.7 प्रतिशत के एलएफपीआर के मुकाबले डब्ल्यूपीआर में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है अर्थात मांग की तुलना में नौकरियां अधिक रहीं।
महिलाओं के बीच बेरोजगारी घटी
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 2017-18 में 5.3 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2.4 प्रतिशत हो गई है। इसी अवधि में शहरी क्षेत्रों में यह 7.7 प्रतिशत से घटकर 5.4 प्रतिशत हो गई है। महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जो 2017-18 में 5.6 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 2.9 प्रतिशत हो गई है। इसी अवधि में युवाओं में बेरोजगारी दर 17.8 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई है।
पीएलएफएस डेटा से यह भी पता चला है कि पिछले छह वर्षों में शिक्षित व्यक्तियों के लिए रोजगार में काफी वृद्धि हुई है। स्नातकों के लिए रोजगार 2017-18 में 49.7 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 55.8 प्रतिशत हो गया है। स्नातकोत्तर और उससे ऊपर के लिए रोजगार दर 67.8 प्रतिशत से बढ़कर 70.6 प्रतिशत हो गई है।
छह वर्षों में 6.1 करोड़ नए सदस्य ईपीएफओ से जुड़े
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले छह वर्षों में 6.1 करोड़ नए सदस्य ईपीएफओ से जुड़े हैं। आरबीआई द्वारा जारी नवीनतम केएलईएमएस डेटाबेस (अर्थव्यवस्था के 27 उद्योग/क्षेत्रों को कवर करता है) से भी पता चलता है कि 9 वर्षों में देश में अनुमानित रोजगार 2013-14 में 47 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 55.3 करोड़ हो गया है।
2023-24 में नौकरी रिक्तियों में 214 प्रतिशत का इजाफा
राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल में 2022-23 की तुलना में 2023-24 में नौकरी रिक्तियों में 214 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। 31 मार्च 2024 तक, एनसीएस प्लेटफॉर्म का उपयोगकर्ता आधार 25.58 लाख नियोक्ताओं का है। एनसीएस पोर्टल ने दैनिक आधार पर औसतन लगभग दस लाख सक्रिय नौकरी रिक्तियों की मेजबानी की।
एनसीएस पर रिक्तियां मुख्य रूप से वित्त, बीमा, निर्माण, विनिर्माण, परिवहन और भंडारण क्षेत्र और आईटी और संचार क्षेत्र में बढ़ी हैं। पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 में नौकरियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। वित्तीय क्षेत्र में 134 प्रतिशत, संचालन और सहायता क्षेत्र में 285 प्रतिशत, आईटी और संचार क्षेत्र में 155 प्रतिशत और शिक्षा क्षेत्र में 121 प्रतिशत की वृद्धि हुई।