वॉशिंगटन:अमेरिका ने भारत के आंतरिक मामले पर चुभने वाली टिप्पणी की है। अमेरिका विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को कहा कि भारत में उपासना स्थलों पर हमले बढ़ गए हैं। ब्लिंकन ने मंत्रालय की ओर से तैयार की गई दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर रिपोर्ट को जारी करते हुए यह बात कही। यही नहीं एक अन्य वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने भारत के सत्ता प्रतिष्ठान पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कुछ लोग इसे इग्नोर कर रहे हैं या फिर ऐसे हमलों को समर्थन दे रहे हैं। ब्लिंकन ने इस दौरान भारत ही नहीं बल्कि उसे पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इन देशों में धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा बढ़ा है।
हालांकि अपनी रिपोर्ट में अमेरिका ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी बताया। ब्लिंकन ने कहा, ‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और जहां विविध धर्म और संप्रदायों के लोग रहते हैं। लेकिन हमने बीते कुछ वक्त में उपासना स्थलों में अटैक बढ़े हैं।’ उनके अलावा अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के मामलों के अमेरिका राजनयिक रशद हुसैन ने भी टिप्पणी की है। हुसैन ने कहा, ‘भारत में कुछ नेता इन घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं और कुछ लोग तो इनका समर्थन भी कर रहे हैं।’ अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से हर साल इंटरनेशनल रिलीजियस फ्री़डम रिपोर्ट जारी की जाती है, जिसमें सभी देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर टिप्पणी की जाती है।
अमेरिका की ओर से दुनिया भर के देशों पर इस तरह टिप्पणी किया जाना अकसर भारत जैसे बड़े देशों को नागवार गुजरा है। बीते दिनों विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अमेरिका दौरे के वक्त भी भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मसले पर मीडिया ने सवाल पूछा था। इस पर एस. जयशंकर ने करारा जवाब देते हुए कहा था कि अमेरिका में भी ऐसे मामले देखने में आते हैं। इसी दौरान उन्होंने एक सिख पर हमले का जिक्र करते हुए कहा था कि ऐसा ही एक अटैक तो कल भी हुआ था। फिलहाल अमेरिकी रिपोर्ट को लेकर भारत की ओर से कोई रिएक्शन सामने नहीं आया है।
भारत पर पीछे हटा US, ‘विशेष चिंता’ वाली कैटेगरी में डालने की थी सिफारिश
हालांकि भारत को लेकर अमेरिका थोड़ा पीछे भी हटा है। अप्रैल में अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने विदेश मंत्रालय से सिफारिश की थी कि वह भारत को ‘विशेष चिंता’ वाले देशों की सूची में डाल दे। लेकिन मंत्रालय ने इस बात को खारिज कर दिया था, जिसके बाद रिपोर्ट में तब्दीली की गई। धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध वाले देशों का उल्लेख करते हुए ब्लिंकन ने सऊदी अरब के साथ-साथ चीन, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान का नाम लिया। उन्होंने कहा, ‘चीन में मुस्लिम उइगुर समुदाय और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों का दमन जारी है।’ इस रिपोर्ट में पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा गया है कि साल 2021 में कम से कम 16 लोगों पर ईशनिंदा का मामला दर्ज हुआ और कोर्ट ने मौत की सज़ा सुनाई।