वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित होने का स्वागत किया और कहा कि यदि यह समझौता न होता, तो लाखों लोगों की जान जा सकती थी। ट्रंप ने इस संदर्भ में दोनों देशों के बीच संभावित परमाणु संघर्ष की आशंका जताई।
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा,
“मुझे भारत और पाकिस्तान के मजबूत और दूरदर्शी नेतृत्व पर गर्व है, जिन्होंने यह समझने की शक्ति और साहस दिखाया कि अब आक्रामकता समाप्त करने का समय आ गया है। लाखों निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी! आपके साहसी निर्णयों से आपकी विरासत को और गौरव मिला है।”
ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका ने इस शांति समझौते में अहम भूमिका निभाई है और उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश दोहराई।
उन्होंने कहा, “मुझे गर्व है कि अमेरिका इस ऐतिहासिक और वीरतापूर्ण निर्णय में आपकी मदद कर सका। हालांकि कश्मीर पर चर्चा नहीं हुई, फिर भी मैं दोनों महान देशों के साथ व्यापार को काफी बढ़ाने जा रहा हूं। साथ ही, मैं यह प्रयास करूंगा कि ‘हज़ार वर्षों’ बाद शायद अब कश्मीर मुद्दे का समाधान निकल सके। ईश्वर भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व को आशीर्वाद दे — शानदार कार्य!”
हालाँकि भारत ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को पूरी तरह से खारिज किया है।
शनिवार को भारत ने अमेरिका की भूमिका को कमतर बताते हुए कहा कि युद्धविराम को लेकर समझौता दोनों देशों के डीजीएमओ (सेना के संचालन महानिदेशक) के बीच हुआ है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “भारत ने आतंकवाद के हर रूप और स्वरूप के खिलाफ हमेशा कठोर और अडिग रुख अपनाया है और आगे भी अपनाता रहेगा। भारत और पाकिस्तान ने आज युद्धविराम और सैन्य कार्रवाई को रोकने को लेकर आपसी समझ विकसित की है।”
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के ‘न्यूट्रल साइट’ (तटस्थ स्थल) पर बातचीत के सुझाव पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “क्या हम शिमला समझौते को छोड़ रहे हैं? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाज़े खोल दिए हैं? कांग्रेस यह जानना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक चैनल फिर से सक्रिय किए जा रहे हैं? हमने क्या शर्तें रखीं और हमें क्या आश्वासन मिला?”
कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक तबाह किया था।