नई दिल्ली: आधी आबादी यानी बेटियां भी स्वावलंबन के साथ तीनों सेनाओं में बराबरी के पथ पर अग्रसर हैं। इस साल से एनडीए यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी में भी इनका प्रवेश हो गया है। लड़कियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं। अग्निवीरों के रूप में युवकों की तरह युवतियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। वायुसेना में अभी तक अधिकारी रैंक से नीचे भर्ती नहीं होती थी, लेकिन अब लड़कियों की अग्निवीर के रूप में भर्ती होगी, जो एक सुखद सशक्त संकेत है।
वायुसेना में अग्निवीर श्रेणी में 20 प्रतिशत तक सीट आधी आबादी के लिए आरक्षित करना अभूतपूर्व है, उत्साह को दोगुना करने वाला है। अलग-अलग शहरों में भर्ती के लिए बेटे ही नहीं, बेटियां भी अब बढ़-चढ़ कर पसीना बहा रही हैं, तैयारी में जुटी हैं। बेटियों के प्रति सोच में यह परिवर्तन कई पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। आवेदन प्रक्रिया शुरू होते ही हजारों बेटियों ने जिस तरह आवेदन किया, यह सुशिक्षित समाज की ओर अग्रसर होते देश का आईना है। बेटियां भविष्य को देख रही हैं, तभी उनके स्वाभिमान के संघर्ष की राह अब स्वावलंबन की ओर बढ़ चुकी है।
सेना के तीनों अंगों में बीते कुछ वर्षों से जितनी तेजी से आधी आबादी की भागीदारी बढ़ी है, वह भी सामाजिक परिवर्तन को प्रमाणित करती है। अग्निवीर के तौर पर सेवा देने के बाद अपने घर लौटकर आने वाली बेटियां परिवार को, समाज को सुशिक्षित करेंगी। पूर्व एयर वाइस मार्शल एके सिंह मानते हैं कि वायुसेना में लड़कियों के लिए खूब अवसर हैं। नागरिक उड्डयन के लिए मौसम संबंधी कार्यों में अपनी सेवाएं दे सकती हैं।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल विभाग में आब्जर्वर और नेविगेटर का काम कर सकती हैं। इस विभाग में महिलाओं के लिए अच्छे अवसर हैं, क्योंकि महिलाएं इस काम में पुरुषों के मुकाबले बेहतर परफार्म करती देखी गई हैं। वह संचार विभाग में अच्छा काम कर सकती हैं। महिलाएं कानून और शिक्षा जैसी विधाओं में मुख्यालय में विशेष भूमिका के रूप में अपना योगदान दे सकती हैं। लाजिस्टिक विभाग में आपूर्ति और खरीद के काम को संपादित कर सकती हैं। नेवल आर्मामेंट इंस्पेक्शन ब्रांच में इंस्पेक्शन टीम का हिस्सा बनकर शोध कार्यों में शामिल हो सकती हैं। मेडिकल ब्रांच में बतौर नर्स जिम्मेदारी संभाल सकती हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं उनके लिए अवसर ही अवसर हैं और वे इन अवसरों की राह पर उड़ान भर चुकी हैं। जब भी सैन्य महिलाओं की भूमिका की बात होती है तो एक चर्चा उनकी फ्रंटलाइन भूमिका निभाने पर भी होती है कि वे कब इस भूमिका में दिखेंगी? अग्निपथ योजना उनके लिए उस फ्रंट लाइन के लिए भी रास्ते खोलेगी। इतना ही नहीं, अग्निवीर के रूप में सेवा काल की समाप्ति के उपरांत इनके लिए सेना से इतर भी बहुत सारे अवसर उपलब्ध होंगे, जिनके बारे में कारपोरेट जगत से लेकर सार्वजनिक क्षेत्रों द्वारा अनेक प्रकार की घोषणाएं की जा रही हैं। यही कारण है कि पुरुषों की तरह ही महिलाओं का रुझान भी भारतीय सेना में शामिल होने की ओर बढ़ा है।