उदयपुर:दुष्कर्म के बाद यह नाबालिग गर्भवती हो गई। लड़की ने बाद में बच्चे को जन्म दिया। इस नाबालिग ने अपनी बुआ के बेटे पर रेप का आरोप लगाया। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए लड़की के बयानों के आधार पर युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उस वक्त युवक अपनी बेगुनाही की गुहार लगाता रहा लेकिन उस वक्त उसे इंसाफ नहीं मिल सका।
हैरान कर देने वाली यह कहानी राजस्थान के उदयपुर की है। कोर्ट ने सोमवार को जब युवक को बाइज्जत बरी कर दिया तब सभी दंग रह गए। लेकिन उस अपनी जीवन के पंद्रह महीने बिना किसी गुनाह के जेल में गुजारे। लड़के की बेगुनाही कैसे साबित हुई? यह जानना भी बेहद दिलचस्प है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 सितंबर 2020 को किशोरी के पिता ने अपनी ही बहन के 30 वर्षीय बेटे के खिलाफ थाने में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने बयानों के आधार पर इस युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दरअसल जब नाबालिग सात महीने की गर्भवती हुई थी तब उसके परिवार वालों को पता चला था।
पूछताछ करने पर किशोरी ने अपनी बुआ के बेट पर ही झूठा आरोप मढ़ दिया था। इसके बाद किशोरी ने बच्चे को जन्म दिया था। युवक ने अपनी बेगुनाही साबित करने की कोशिश की, लेकिन सबूतों के अभाव में वो कुछ नहीं कर सका। इसके बाद उसने डीएनए जांच करवाने की मांग रखी। डीएनए रिपोर्ट आने में ही पंद्रह महीने लग गए। इस दरम्यान युवक को जेल में ही रहना पड़ा।
इस रिपोर्ट में सामने आया कि किशोरी के बच्चे का पिता आरोपी नहीं था। किशोरी के बच्चे की डीएनए रिपोर्ट व कपड़ों से लिए गए सैंपल की एफएसएल रिपोर्ट आरोपी के सैंपल से मेल नहीं खाए। इस पर कोर्ट ने युवक को बाइज्जत करते हुए टिप्पणी की कि पीड़िता ने वास्तविक अपराधी को बचाने के लिए झूठा आरोप लगाया है। पीठासीन अधिकारी ने कहा कि आरोपी चाहे तो न्यायालय के माध्यम से प्रतिकार ले सकता है। यहां आपको बता दें कि फैसले में पीड़िता के साथ रेप करने वाले आरोपी या अन्य किसी बात का खुलासा नहीं किया गया है।