जयपुर:राजस्थान के जालौर में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गहरा दुख जताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा-जालोर में निर्दयी शिक्षक द्वारा एक मासूम दलित बच्चे को बुरी तरह पीटे जाने के बाद उसकी मृत्यु की घटना बेहद दुखद है। मैं इस क्रूर कृत्य की भर्त्सना करता हूं। पीड़ित परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। राहुल गांधी ने कहा कि आरोपी को कठोर धाराओं के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान के जालोर जिले में शिक्षक की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत की घटना की निंदा करते हुये कहा कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जालोर जिले के सायला थाना इलाके के निजी स्कूल में एक टीचर ने कथित तौर पर पानी का एक मटका छू लेने पर 9 वर्षीय दलित बच्चे को पीटा था। इससे छात्र की तबीयत बिगड़ गई थी। करीब 25 दिन के इलाज के बाद शनिवार को उसकी अहमदाबाद में मौत हो गई थी। मामले में तुरंत कार्यवाही करते हुए पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया था। तीसरी कक्षा के छात्र इंद्रसिंह का रविवार को प्रशासन से वार्ता के बाद दाह संस्कार कर दिया गया। रविवार को भीम आर्मी समर्थकों ने स्कूल की मान्यता रद्द करने और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा था। लाठीचार्ज में करीब एक दर्जल लोग घायल हो गए थे। सीएम अशोक गहलोत ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि दोषी व्यक्ति को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाएगी। सीएम ने 5 लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की थी।
जालौर के दलित छात्र की मौत से झुब्ध कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने आज सीएम अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफा भेज दिया है। विधायक ने भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि पानाचंद मेघवाल ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए लिखा है कि आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार हो रहे अत्याचारों से उनका मन आहत है। उन्होंने लिखा, ”मेरा समाज आज जिस प्रकार की यातनाएं झेल रहा है, उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।”जालौर की घटना को लेकर उन्होंने लिखा, ”प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है।