भुवनेश्वर:ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर ने लगातार दूसरी बार पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी करके अंतरराष्ट्रीय ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। हॉकी विश्व कप ने भारत की खेल राजधानी में शहर विस्तार रचनात्मकता ऊर्जा बनाई, इसने शहरी नवीनीकरण पहलों का मजबूत जवाब दिया। इसने शहर के आस-पास कम उपयोगी/ निष्क्रिय/ शहर के ईर्द-गिर्द खराब जगहों को उत्पादक और काम करने वाले केंद्रों में बदल दिया। इसने स्थिर स्थानों को सक्रिय जगहों में परिवर्तित किया।
इस साल हॉकी विश्व कप 2023 के लिए भुवनेश्वर की लगभग 30 से अधिक जगहों का चयन किया है, जिन्हें दर्शकों के आगे एक खूबसूरत तरीके से दर्शाया गया है। इन जगहों की सड़कों से लेकर कॉमन पार्क तक सभी जगह को स्वच्छ भारत मिशन के तहते साफ किया गया है और वहां दर्शकों के जरूरत की सभी चीजों को उपलब्ध कराया गया है। खास बात तो यह है कि सड़क किनारे दीवारों पर खूबसूरत कलाकारी बनाई गई है, जिसमें भारत आने वाले उन सभी को देश की संस्कृति दिखाई गई है।
इस विश्व कप की वजह से ओडिशा के उन पिछड़े हुए क्षेत्रों में भी जागरूकता फैलाने में एक अहम रोल अदा किया है। इसके साथ ही ओडिशा के लोगों को टूर्नामेंट की वजह से वो सभी सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिनसे वह हमेशा वंचित हो जाते थे। जैसे कि साफ पानी, स्वच्छ्ता, बिजली।
ह़ॉकी विश्व कप 2023 के संस्करण को सफल बनाने के लिए ओडिशा ललित कला अकादमी को कलाकारों के 28 समूहों के साथ जोड़ा गया था। लगभग 25kms और लगभग 15kms के लिए सड़क का परिदृश्य विकसित किया गया। बीएमसी के सहयोग से और ओडिशा खनन निगम से वित्त पोषण सहायता के साथ शहर द्वारा दो समर्पित मूर्तिकला शिविरों की मेजबानी की गई थी, जिसमें 51 शानदार मूर्तियों को तैयार किया गया था और पूरे भुवनेश्वर में विभिन्न स्थानों में उनकी थीम के आधार पर रणनीतिक रूप से रखा गया था। इस प्रकार कलाकृति और मूर्तियों का उपयोग किया गया।