नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सोमवार को बिहार की नीतीश सरकार पर उस समय बिदक गए, जब वह पटना हाई कोर्ट के जज जस्टिस रुद्र प्रकाश मिश्रा को कई महीनों से वेतन न मिलने के मामले की सुनवाई कर रहे थे। राज्य सरकार पर गंभीर रुख अपनाते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ ने बिहार सरकार को सख्त निर्देश दिया कि वह जस्टिस मिश्रा के लिए अस्थायी सामान्य भविष्य निधि (GPF) खाता खोलकर उनकी लंबित तनख्वाह जारी करे।
CJI जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मुद्दे पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “किसी भी जज से वेतन के बिना काम करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।” जस्टिस रुद्र प्रकाश मिश्रा को 4 नवंबर 2023 को जिला न्यायपालिका से पटना हाई कोर्ट में पदोन्नत किया गया था। उन्हें उनकी पदोन्नति की तारीख से वेतन नहीं मिल रहा है क्योंकि उनके पास जीपीएफ खाता नहीं है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर वेतन लेने के लिए एक शर्त है।
अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीश नई पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत आते हैं और इस लिए उनके पास जीपीएफ खाते नहीं हैं। न्यायमूर्ति मिश्रा को अपना वेतन नहीं मिल पा रहा था क्योंकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एनपीएस के अंतर्गत नहीं आते हैं। पीठ ने पूछा, “उन्हें वेतन क्यों नहीं मिल रहा है? यह क्या है? हम उनकी तनख्वाह जारी करने के लिए अंतरिम आदेश पारित करेंगे।”
पीठ ने कहा कि वह बिहार सरकार को न्यायमूर्ति मिश्रा के लिए एक अस्थायी जीपीएफ खाता खोलने का निर्देश देगी। केंद्र की ओर से शीर्ष अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार तक का समय मांगा और पीठ को आश्वासन दिया कि तब तक मुद्दा सुलझ जाएगा।