नई दिल्ली:एक तरफ हर कोई आईपीएल के धूम धड़ाके में व्यस्त है, वहीं दूसरी ओर भारतीय टेस्ट टीम के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने सात समुद्र पार शतक जड़ हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पुजारा ने काउंटी क्रिकेट में बतौर फुल टाइम कैप्टन डेब्यू करते हुए अपना पहला शतक जड़ा। पुजारा का यह शतक मुश्किल परिस्थितियों में आया। टीम ने जब 44 रनों पर अपने दो विकेट खो दिए थे तो वह नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे। इस दौरान उन्होंने 163 गेंदों का सामना करते हुए 13 चौकों और 1 गगनचुंबी छक्के की मदद से 115 रनों की शानदार पारी खेली। पुजारा ने पांचवे विकेट के लिए ओलिवर कार्टर के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी की जिसके दब पर ससेक्स की टीम 300 रनों का आंकड़ा पार करने में कामयाब रही।
बात मुकाबले की करें तो डरहम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बोर्ड पर 376 रन लगाए थे। इस स्कोर के सामने ससेक्स की पहली पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। 100 रन के अंदर टीम ने 4 विकेट खो दिए थे। तब पुजारा टीम के संकट मोचक बने। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक ससेक्स ने 9 विकेट के नुकसान पर 332 रन बना लिए हैं और वह डरहम से अभी भी 44 रन पीछे हैं। अगर पुजारा ससेक्स के लिए यह पारी नहीं खेलते तो टीम का बंटाधार होना तय था।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप से पहले पुजारा ने इंग्लैंड में यह शतक ठोक ऑस्ट्रेलिया टीम के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दरअसल, WTC का फाइनल मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंदन में 7 जून से खेला जाना है।
चेतेश्वर पुजारा पिछले साल बतौर खिलाड़ी ससेक्स की टीम के साथ जुड़े थे, उन्होंने उस सजीन रिकॉर्ड 3 दोहरे शतक के साथ 1094 रन बनाए थे। इस दौरान उनका औसत 109.4 का रहा था। यही वजह है कि इस साल टीम ने उन्हें फुल टाइम कैप्टन नियुक्त किया। वैसे टॉम हैन्स के चोटिल होने की वजह से वह पहले भी ससेक्स टीम की कप्तानी कर चुके हैं।
बता दें, चेतेश्वर पुजारा को घरेलू क्रिकेट में कप्तानी का काफी अनुभव है। वह अपने करियर में सौराष्ट्र समेत शेष भारत, वेस्ट जोन, भारत ए और बी टीम की कप्तानी कर चुके हैं।