कोटा:महावीर नगर में शनिवार को आत्महत्या करने वाले 17 वर्षीय छात्र के परिजनों ने उस कोचिंग सेंटर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, जहां वह पिछले दो महीने से संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने बताया कि यूपी का रहने वाला छात्र पिछले कुछ महीनों से कोटा में जेईई की तैयारी कर रहा था। वह एक पेइंग गेस्ट हाउस में रह रहा था। उसने शनिवार को सुबह अपने कमरे में आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त उसका रूममेट लाइब्रेरी गया था। उसके शव को दरवाजा तोड़कर निकाला गया था।
छात्र के भाई ने बताया कि पिछले हफ्ते उसके भाई का क्लास के किसी लड़के के साथ झगड़ा हुआ था जिसके बाद कोचिंग सेंटर प्राधिकरण ने 3 जुलाई को उसे निलंबित कर दिया। पीड़ित के भाई ने कहा- निलंबन के बाद मेरा भाई अवसाद में आ गया। हम उनके साथ नियमित रूप से संपर्क में थे। वह मुझसे कहता था कि लगता है कि यदि कोचिंग सेंटर ने उनका निलंबन वापस नहीं लिया तो वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाएगा।
पीड़ित के भाई ने कोचिंग सेंटर पर उसके भाई को एक ‘छोटी सी बात’ पर निलंबित करने का आरोप लगाते हुए कहा- निलंबन के दो दिन बाद मैंने प्राधिकरण का दौरा किया और निलंबन वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि निलंबन को स्थायी कर दिया है लेकिन मेरा भाई ऑनलाइन सत्र का लाभ उठा सकता है। लेकिन मेरा भाई ऑनलाइन पढ़ाई से डरता था क्योंकि वहां छात्रों को बहुत सारी सुविधाएं नहीं मिलतीं। मैंने कोचिंग सेंटर और उसके दोस्तों से भी बात की लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। प्राधिकारियों ने निलंबन वापस नहीं लिया।
वहीं आरोपों पर कोचिंग सेंटर ने कहा- हमने उसे निष्कासित नहीं किया, यह केवल एक निश्चित अवधि के लिए निलंबन था। हमें उसके खिलाफ यह अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि उसने न केवल अपने सहपाठियों के साथ झगड़ा किया था वरन कर्मचारियों के साथ भी आक्रामक व्यवहार किया था। उसके भाई ने बाद में हमसे मुलाकात की और कहा कि वह उसे दूसरे कोचिंग सेंटर में स्थानांतरित कराना चाहता है। इसके बाद हमने उसकी प्रवेश फीस वापस करने की पेशकश की। यदि उसका भाई उसे कोटा से ले जाता तो घटना टल सकती थी। पुलिस ने कोचिंग सेंटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।