कोलकाता:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ईद की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने मुसलमानों से एकजुटता की अपील की और दंगा भड़काने वाले तत्वों से सावधान रहने को कहा। ममता बनर्जी ने कहा, ‘चुनाव के दौरान कुछ लोग दंगा भड़काने की कोशिश करेंगे, उनके जाल में मत फंसना।’ इसके अलावा उन्होंने मुस्लिमों से कहा कि अगर हम एकजुट होकर रहेंगे तो कोई हमें नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। यही नहीं ममता बनर्जी ने ईद के मौके पर भी सीएए, एनआरसी और समान नागरिक संहिता का डर मुस्लिमों को दिखाया। उन्होंने कहा कि हम इन तीनों को स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि ये भारत के सेकुलरिज्म के खिलाफ हैं।
इस मौके पर ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि जो भी दंगा भड़काने की कोशिश करेगा, उसका जनाजा उठा दिया जाएगा। उनके इस बयान को लेकर विवाद भी हो सकता है। इससे पहले ममता बनर्जी ने हिंदुओं से एक कार्यक्रम में अपील की थी कि नवरात्रि आ रही है और मैं अपील करती हूं कि रामनवमी शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं। इस दौरान किसी भी तरह का उपद्रव नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि मैं भी भगवान राम का सम्मान करती हूं, लेकिन रामनवमी पर कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
अब एक कदम और बढ़ाते हुए ममता बनर्जी ने सीएए, एनआरसी और समान नागरिक संहिता ना लागू होने देने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि बुधवार को ही होम मिनिस्टर अमित शाह ने सीएए के मामले में ममता बनर्जी पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया था। अमित शाह ने कहा था कि ममता राजनीति के लिए घुसपैठियों की मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को बिना किसी शंका के नागरिकता के लिए आवेदन करना चाहिए।
बालुरघाट में एक चुनावी रैली में शाह ने भूपतिनगर बम विस्फोट मामले में दोषियों को बचाने की कोशिश और राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआईए) अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करने के लिए भी टीएमसी सरकार की आलोचना भी की थी। उन्होंने कहा, ‘ममता दीदी सीएए के बारे में लोगों को गुमराह कर रही हैं। वह शरणार्थियों के नागरिकता प्राप्त करने के खिलाफ क्यों हैं? मैं शरणार्थियों से अनुरोध करता हूं कि वे डरें नहीं, कृपया नागरिकता के लिए आवेदन करें, कोई समस्या नहीं होगी। उनके खिलाफ पुलिस में कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। शरणार्थियों को नागरिकता देना हमारी प्रतिबद्धता है।’