रांची:मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि त्रिकूट पहाड़ हादसे का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है। दुर्भाग्य से इस हादसे में हमने कुछ लोगों को खो दिया। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की मदद करने वाले एयरफोर्स, आर्मी, एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों तथा प्रशासन को सलाम किया। साथ ही यह भी कहा है कि जल्द ही मामले की उच्चस्तरीय जांच के आधार पर कड़ी करवाई होगी और हताहत होने वाले लोगों की मदद के लिए नर्णिय लिया जाएगा।
सीएम सोरेन ने वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि 10 अप्रैल को शाम चार बजे से शुरू हुआ त्रिकूट रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार दोपहर करीब दो बजे तक चला। इस दौरान फंसे हुए 48 में से 46 लोगों को बचाया गया। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही 10 अप्रैल की शाम छह बजे उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी सहित वरीय अधिकारियों को हाई अलर्ट कर दिया। तत्काल सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी की मदद ली गई। इस तरह की घटना संभवत राज्य और देश में पहली है।
मुख्यमंत्री ने इस घटना को बहुत ही पीड़ादायक और दर्दनाक बताते हुए जान गंवाने और जख्मी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते की है। उन्होंने कहा कि रात 12 बजे ही घटना के संदर्भ में भारत सरकार के उच्च अधिकारियों से बात करके देश के सबसे जांबाज जवान गरुड़ कमांडो को ऑपरेशन में उतारा गया। साथ ही आइटीबीपी, भारतीय सेना के जवानों ने भी मोर्चा संभाला। इन जवानों ने कई लोगों की जान बचाई। सभी का शुक्रिया अदा करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें सैल्यूट किया है। रेस्क्यू समाप्त हो गया है। अब वह रांची पहुंचते ही इस पूरे घटना का कड़ी समीक्षा करेंगे। उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और इसके लिए जिम्मेदार और दोषी को चिन्हित करके कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घायल और जान गवाने वाले लोगों को मदद करने का भी निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थिति में जवानों ने साहस और संवेदनशीलता का परिचय दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि एक जवान ने फंसे हुये दो बच्चों को हिम्मत देने के लिए पूरी रात उनके साथ ट्रॉली में ही गुजारी। इससे ऑपरेशन में जुटे जवानों की संवेदनशीलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस घटना में झारखंड पश्चिम बंगाल और बिहार के भी पर्यटक फंसे थे। सभी को सुरक्षित बचाना सरकार की प्राथमिकता रही।