सागर:बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने फरवरी के महीने में 200 से ज्यादा लोगों की ‘घर वापसी’ करवाई थी। मध्य प्रदेश के सागर में कथा के दौरान उन्होंने एक बार फिर 50 परिवारों के लोगों की हिंदू धर्म में वापसी करवाई। 24 अप्रैल से सागर के बहेरिया में उनकी रामकथा चल रही थी। 30 अप्रैल को कथा का समापन हुआ और इस दौरान पांडाल में वे लोग भी मौजूद थे जिन्होंने ईसाई धर्म छोड़कर फिर से हिंदू धर्म स्वीकार किया था। कथा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण ने कई लोगों को अपने विचार रखने का भी मौका दिया।
एक महिला ने कहा कि वह अपने रास्ते से भटक गई थी। उन्होंने दावा किया की लालच में पड़कर उन्होंने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था लेकिन अब उन्हें गलती का अहसास हो गया है। उन्होंने कहा कि अब वह परिवार सहित हिंदू धर्म में ही रहेंगी। जानकारी के मुताबिक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 95 लोगों की घर वापसी करवाई है। शास्त्री ने इस मौके पर कहा, मैं हिंदुओं को टूटने नहीं दूंगा। इस तरह का अभियान आगे भी चलता रहेगा।
बागेश्वर धाम के प्रमुख शास्त्री ने मंच से ही ‘घर वापसी’ करने वालों को आशीर्वाद दिया और शपथ भी दिलाई। यहां मौजूद कई लोगों ने बताया कि वे गरीब हैं और उन्हें मिशनरी लालच देती थी। छोटी-छोटी चीजों को लेकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया था। कुछ लोगों ने कहा कि बकरी या फिर कंबल के लालच में आकर उन्होंने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। उन्होंने कहा, हम लोग गरीब हैं और हमारे लिए छोटी-छोटी चीजें ही बहुत हैं। उन्होंने दावा किया कि धर्म परिवर्तन के बाद उनपर इस बात का भी दबाव बनाया गया कि वे अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करें।
एक शख्स ने कहा, हमसे कहा गया कि घर की महिलाएं बिंदी ना लगाएं और मंगलसूत्र ना पहनें। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई और धन देने का भी लालच दिया गया था। शास्त्री ने कहा, जो लोग अपने धर्म में वापस आए हैं उन्हें सब लोग अपना मानें। अगर आज भी हम नहीं जागे तो लोग हमें बांटते रहेंगे। लेकिन मेरा संकल्प है कि मैं हिंदुओं को टूटने नहीं दूंगा और इस तरह का अभियान चलाता रहूंगा।