नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम में एक बार फिर बीजेपी ने बड़ी वापसी की है। मेयर चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी राजा इकबाल सिंह ने भारी बहुमत से जीत दर्ज करते हुए 133 वोट हासिल किए और संयुक्त दिल्ली नगर निगम के नए मेयर चुने गए। कांग्रेस के उम्मीदवार को केवल 8 वोट मिले जबकि एक वोट को अवैध घोषित किया गया। इस चुनाव में कुल 142 वोट पड़े थे, जिनमें से 141 वैध माने गए।
डिप्टी मेयर पद पर भी बीजेपी ने बाजी मारी। कांग्रेस की उम्मीदवार आरीबा खान ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिससे बीजेपी के जय भगवान यादव निर्विरोध डिप्टी मेयर चुने गए। नगर निगम में बीजेपी की संख्याबल को देखते हुए यह जीत पहले से तय मानी जा रही थी। ढाई साल के अंतराल के बाद बीजेपी ने फिर से निगम की सत्ता में वापसी की है। इससे पहले बीजेपी 15 वर्षों तक निगम पर काबिज रही थी।
मेयर के रूप में राजा इकबाल सिंह की प्राथमिकताएं
मेयर पद की शपथ लेने के बाद राजा इकबाल सिंह ने दिल्ली नगर निगम की कार्यप्रणाली में बड़े सुधारों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि:
- यूजर चार्ज जैसे टैक्स को हटाने पर विचार होगा।
- कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
- निगम की प्राथमिक शिक्षा और बदहाल पार्कों को सुधारने के लिए विशेष योजना लागू की जाएगी।
दिल्ली की प्रमुख समस्याएं और बीजेपी की चुनौती
दिल्ली नगर निगम को अब कई बड़ी समस्याओं से जूझना होगा। इसमें शामिल हैं:
- अवैध निर्माण पर रोकथाम और खतरनाक इमारतों की पहचान।
- स्थायी समिति का गठन न होने से रुकी परियोजनाएं।
- कूड़े के पहाड़, जलभराव और प्रदूषण की बढ़ती समस्या।
- पार्कों की खराब स्थिति और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता।
राजा इकबाल सिंह ने कहा कि तीन महीने के भीतर साफ-सफाई व्यवस्था में सुधार लाया जाएगा। कूड़े के पहाड़ों को हटाने, नालियों की सफाई और स्थायी समिति के गठन को प्राथमिकता दी जाएगी।
डिप्टी मेयर जय भगवान यादव का फोकस शिक्षा और निरीक्षण पर
डिप्टी मेयर जय भगवान यादव ने कहा कि निगम की प्राथमिक शिक्षा को सशक्त बनाना उनकी प्राथमिकता होगी। जोन स्तर पर सफाई और शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा। हर सप्ताह जमीनी निरीक्षण होगा और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजा इकबाल सिंह का राजनीतिक सफर और शैक्षणिक पृष्ठभूमि
- दो बार पार्षद (2017–2022 और फिर 2022 से अब तक)।
- पूर्व महापौर, उत्तरी दिल्ली नगर निगम।
- 2022 से अब तक नेता विपक्ष रह चुके हैं।
- पर्यावरण समिति और सिविल लाइन जोन में प्रमुख पदों पर कार्य किया।
शिक्षा:
- बीएससी – श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय (1989–1992)
- एलएलबी – चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (2007–2010)
राजा इकबाल सिंह राजनीति में आने से पहले व्यवसायिक सलाहकार के रूप में कार्यरत रहे।
निगम में सत्ता की वापसी के बाद बीजेपी के सामने अब जनता से किए वादों को निभाने की चुनौती है।
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