नई दिल्ली:भाजपा नेतृत्व ने मध्य प्रदेश में पार्टी के प्रमुख नेताओं को साफ कर दिया है कि वे विधानसभा चुनावों के लिए किसी खास उम्मीदावार के नाम की सिफारिश न करें। हालांकि वह किसी भी सीट के लिए उपयुक्त उम्मीदवार को लेकर अपनी राय रख सकते हैं। पार्टी ने संगठन से जो रिपोर्ट ली है और उसके विभिन्न स्त्रोतों से जो सर्वेक्षण रिपोर्ट आई है उसे आधार बनाकर उम्मीदवार तय किए जाएंगे। राज्य में भाजपा अभी तक 39 सीटों के लिए उम्मीदवार तय कर चुकी है।
चुनाव वाले राज्यों में यात्राओं के शुरू होने से उम्मीदवार तय करने का काम थोड़ा रुका है। यह यात्राएं इस माह के आखिर तक पूरी हो जाएंगी। मध्य प्रदेश में तीन सिंतबर को यात्राओं की शुरुआत हो रही है और 25 सिंतबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ से इसका समापन होगा। किसी एक चेहरे पर जोर देने के बजाए पार्टी सामूहिक नेतृत्व पर जोर दे रही है। यही वजह है कि पार्टी के केंद्रीय नेता इन यात्राओं को हरी झंडी दिखा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा राज्य में किसी भी तरह की खेमेबाजी और परिवारवाद से बचने के लिए टिकट तय करने में काफी सतर्कता बरत रही है। दूसरे दलों से आए नेताओं से भी कहा गया है कि अब सभी भाजपा के कार्यकर्ता व नेता हैं। इसलिए पार्टी जो तय करेगी, उसे ही मानें। टिकट पक्का न होता देख कुछ नेताओं ने पाला भी बदला है।
अगली सूची 25 सितंबर के बाद संभव
बता दें कि भाजपा नेतृत्व ने हाल में राज्य के लिए 39 उम्मीदवारों की घोषणा की है। ये सभी हारी हुई सीटें हैं। ऐसी ही कुछ और सीटों के लिए नाम तय होना बाकी है। इस बीच पार्टी की जन आशीर्वाद यात्राएं भी रविवार से शुरू होने जा रही है। ऐसे में इस बात की संभावना ज्यादा है कि उम्मीदवारों की अगली सूची 25 सितंबर के बाद आए।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने हारी हुई कई सीटों के लिए उम्मीदवारों की नाम कर रखे हैं, इसलिए रणनीति के हिसाब से कभी भी घोषणा की जा सकती है।