अयोध्या : अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए 2 साल पहले पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी थी। तबसे 5 अगस्त की तारीख राम मंदिर के इतिहास में महत्वपूर्ण तरीख के रूप में दर्ज हो चुकी है। यह आधारशिला जिस सतह पर रखी गई थी, उसके दो साल बाद सतह के नीचे साठ फिट व सतह के ऊपर पहले छह फिट राफ्ट ढाला गया और फिर इसके भी ऊपर 21 फिट फर्श का निर्माण ग्रेनाइट पत्थरों से निर्माणाधीन है। यानी अब तक 87 फिट मजबूत चट्टान की आधारशिला तैयार कर दी गई है।
फर्श का निर्माण पूरा होते ही राम मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर (गर्भगृह) का निर्माण तीव्र गति से होगा कि एक माह में पिलर (खंभे) का निर्माण होता दिखाई देने लगेगा। राममंदिर के भूमिपूजन की दूसरी वर्षगांठ पर रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने मीडिया को मंदिर निर्माण की प्रगति दिखाई।
देश की सबसे प्रतिष्ठित निर्माण एजेंसी एलएण्डटी की ओर से निर्माणाधीन राम मंदिर के फर्श को 21 फिट ऊंचा उठाने के लिए ग्रेनाइट के 17 हजार ब्लाकों के सापेक्ष 14 हजार से अधिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के पत्थरों की सेटिंग की जा चुकी है। रामजन्मभूमि ट्रस्ट के मुख्य अभियंता जगदीश आफले ने बताया कि मंदिर के पश्चिमी भाग से गर्भगृह के क्षेत्र तक फर्श का निर्माण पूर्ण हो गया है और सुपर स्ट्रक्चर के पत्थरों को लगाने का काम एक जून को सीएम योगी के हाथों शुरू करा दिया गया था। वह बताते हैं राम मंदिर के फर्श के शेष भागों के पत्थर इसी अगस्त माह में लग जाएंगे।
पांच अगस्त इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज:पाठक
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पांच अगस्त को हम सबको बहुत बड़ी घटना का साक्षी बनने का मौका साधु-संतों और प्रभु श्रीराम की कृपा से मिला। जो बहुत ही अविस्मरणीय पल रहा। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया। इसके बाद भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ हुआ।
पांच अगस्त की तारीख बहुत ही ऐतिहासिक तिथि है जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई। उप मुख्यमंत्री शुक्रवार को पूर्व सांसद रामविलास वेदांती के हिन्दू धाम पर आयोजित महंताई समारोह में शामिल होने अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है।