गुरुग्राम।दिल्ली-गुरुग्राम के बीच आए दिन जाम से जूझने वाले लोगों को द्वारका एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा खुलने के बाद बड़ी राहत मिली है। इससे समय की ही नहीं बल्कि धन और ईंधन की भी काफी बचत होगी। साथ ही दोनों महानगरों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होने के अलावा कई राज्यों की राह आसान होने की उम्मीद है। इसके साथ ही और भी कई फायदे हैं। सोमवार देर शाम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पैकेज दो और तीन के बीच की कनेक्टिविटी कर दी। यह कनेक्टिविटी गुरुग्राम और दिल्ली बॉर्डर पर की गई है।
दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंच आसान : गुरुग्राम के लोग एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करते हुए यशोभूमि से सीधा दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे, जबकि दिल्ली द्वारका के सेक्टर-21, सेक्टर-23,सेक्टर-25 सहित आधा दर्जन से ज्यादा सेक्टरों से लोग सीधे गुरुग्राम और वहां से जयपुर आसानी से जा सकेंगे। इस कनेक्टिविटी से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को काफी फायदा होगा।
घट जाएगा समय : दिल्ली के द्वारका से एनएच-8 होते हुए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर पहुंचने में करीब एक घंटा लगता है। एक्सप्रेसवे की शुरुआत होने से दिल्ली के द्वारका से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक पहुंचने में करीब 20 से 25 मिनट का समय लगेगा। वाहन चालकों को अब जाम में भी फंसना नहीं पड़ेगा।
वाहनों का दबाव कम होने का दावा : ट्रैफिक मामलों के विशेषज्ञ प्रखर सहाय ने बताया कि दिल्ली और गुरुग्राम बॉर्डर पर कनेक्टिविटी होने से हजारों वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलेगी। द्वारका से गुरुग्राम आने वाले लोगों को अब जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। वह एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कर जयपुर और गुरुग्राम के अन्य सेक्टरों में आसान से पहुंच सकेंगे। अभी लोगों को नए रास्ते के बारे में जानकारी नहीं है।
रोजगार के अवसर और बढ़ेंगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में तेजी से हो रहा बुनियादी ढांचे का निर्माण भारत को तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत भी बनाएगा। इससे ज्यादा रोजगार, स्वरोजगार के मौके बनेंगे। हाइवे और एक्स्प्रेसवे को बनाने में बड़ी संख्या में इंजीनियर्स और वर्कर्स की जरूरत पड़ती है। इससे सीमेंट, स्टील जैसे उद्योगों को बल मिलता है। एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक इकाईयां बन रही हैं, जो रोजगार ला रही हैं। अच्छी सड़कों से उद्योगों को गति मिलती है।
एक्सप्रेसवे से उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी
द्वारका एक्सप्रेसवे को जब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जो एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। पूरे पश्चिमी भारत में यह एक्सप्रेसवे, उद्योगों और एक्सपोर्ट को एक नई ऊर्जा देगा। मुख्यमंत्री इसके निर्माण के लिए दिन-रात काम करते रहे हैं, उसने राज्य में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर दिया है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सेक्टर 84 में आयोजित रैली के दौरान कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में होलिस्टिक विजन के साथ बुनियादी ढांचे के विकास का काम शुरू किया है।
राजधानी के लोगों को असल लाभ अगस्त तक मिलेगा
प्रधानमंत्री ने सोमवार को हरियाणा की सीमा में पड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के 19 किलोमीटर लंबे हिस्से का उद्घाटन कर दिया है, लेकिन दिल्ली को इसका असल फायदा अगस्त तक मिलने की उम्मीद है। जब दिल्ली की सीमा में शेष बचा एक्सप्रेसवे का 10 किलोमीटर लंबा हिस्सा भी तैयार हो जाएगा। अभी सिर्फ पश्चिमी दिल्ली से जयपुर की तरफ जाने-आने वाले लोगों को द्वारका एक्सप्रेसवे का लाभ मिलेगा। या फिर जो लोग द्वारका से मध्य और उत्तरी गुरुग्राम के हिस्सों में जाना चाहते हैं, लेकिन जैसे ही दिल्ली की सीमा में दिल्ली-जयपुर नेशनल स्थित शिव मूर्ति चौक तक 10 किलोमीटर का बचा हुआ हिस्सा भी बनाकर तैयार होगा तो लोगों को जाम से बड़ी राहत मिलेगी।
जाम खत्म करने की तैयारी : गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे स्टेट ऑफ द आर्ट प्रोजेक्ट है। दिल्ली-एनसीआर का जाम खत्म करने के लिए भी कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में लगभग 65 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट किए जाने हैं, जिनमें से 35 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। इन परियोजनाओं से हरियाणा को बहुत बड़ा फायदा होगा।