भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक फिनटेक सेक्टर के लिए कम-से-कम दो उद्योग निकायों को स्व-नियामकीय संगठन (एसआरओ) के तौर पर संचालन की मंजूरी देगा। शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने एसआरओ के तौर पर काम करने के लिए फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (फेस) को मंजूरी दे दी है क्योंकि यह सभी जरूरतों को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि एसआरओ के लिए आवेदन करने वाले दो अन्य संगठनों पर भी विचार किया जा रहा है।
शक्तिकांत दास ने कहा-तीन आवेदन आए हैं। हम कई के बारे में गौर कर रहे हैं। मुझे लगता है कि इस समय शायद दो-तीन एसआरओ पर्याप्त होने चाहिए। उन्होंने कहा कि तीनों निकायों ने अलग-अलग समय पर एसआरओ लाइसेंस के लिए आवेदन किया था और केंद्रीय बैंक सभी आवेदनों पर विचार कर रहा है।
भरोसेमंद एआई की जरूरत
शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंकों, सरकारों के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र के लोगों को डेटा गोपनीयता चिंता और अन्य तत्वों को ध्यान में रखते हुए भरोसेमंद एआई के विकास की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग अभूतपूर्व तरीके से वित्तीय सेवाओं में क्रांति लाने के लिए तैयार हैं। धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एआई एल्गोरिदम पहले से ही तैनात किए जा रहे हैं। मशीन लर्निंग मॉडल का इस्तेमाल क्रेडिट स्कोर में तेजी से किया जा रहा है। कर्ज लेने की पात्रता का आकलन करने और ऋण तक पहुंच का विस्तार करने के लिए पूर्वानुमानित विश्लेषण का लाभ उठाया जा रहा है।
इसके साथ शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई और रुपे को सही मायने में वैश्विक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दास ने कहा कि आरबीआई का ध्यान वित्तीय समावेशन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई), उपभोक्ता संरक्षण एवं साइबर सुरक्षा, टिकाऊ वित्त और वित्तीय सेवाओं के वैश्विक एकीकरण को सशक्त बनाने पर है