रायसेन:मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को रायसेन जिले के विश्व धरोहर शहर सांची नगर का भारत के पहले सौर ऊर्जा शहर के रूप में उद्घाटन किया। कार्यक्रम में सांची को नेट जीरो शहर बनाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा विभाग और आईआईटी कानपुर के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा संरक्षण का जो संकल्प लिया है और इस क्षेत्र में काम करने का जो मंत्र दिया है, उसे सामाजिक जिम्मेदारी मानकर पूरा करने की दिशा में मध्य प्रदेश आगे बढ़ चुका है।
सीएम ने कहा, ‘मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में बांध की सतह पर सौर पैनल स्थापित करके 600 मेगावाट क्षमता का संयंत्र स्थापित करने की भी पहल की गई है। कभी सांची से दुनिया भर में शांति का संदेश पहुंचा था। अब सांची सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी शहर बनेगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला एवं अन्य स्रोतों से बिजली उत्पादन से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘पारंपरिक साधनों को त्यागकर प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना सौर ऊर्जा उत्पादन शुरू करने के लिए सांची के नागरिक, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग और सभी वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं। सांची के पास नागौरी में तीन मेगावाट क्षमता की सौर परियोजना के परिणामस्वरूप सांची सोलर सिटी का निर्माण किया गया है। आने वाले समय में, गुलगांव में पांच मेगावाट की सौर परियोजना स्थापित की जाएगी जो कृषि क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी।’
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सांची में लगभग 7000 निवासियों ने अपने घरों में सोलर स्टैंड लैंप, सोलर स्टडी लैंप और सोलर लालटेन का उपयोग करके बिजली बचाने का संकल्प लिया है। ऊर्जा विभाग के मुताबिक, सांची सोलर सिटी सालाना 14 हजार टन से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड का कम उत्सर्जन करेगी, यह 2 लाख 38 हजार से ज्यादा पेड़ों के बराबर है। ईको फ्रेंडली सुविधाएं पर्यावरण प्रदूषण को रोकेंगी। ई-वाहनों को बढ़ावा दिया गया है। चार वाणिज्यिक चार्जिंग पॉइंट और तीन ई-रिक्शा चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए गए हैं। बैटरी वाहन चलने से 9 लाख से अधिक का डीजल भी बचेगा।