कोलकाता। लोकसभा चुनाव के लिए अभी तारीखों की घोषणा नहीं हुई। राजनीतिक दल अपनी ताकत बढ़ाने में जुट चुकी है। इस दिशा में कई वादे और घोषणाएं की जा रही हैं। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार ने पहली बार रामनवमी पर सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की है। बंगाल में दुर्गा पूजा, काली पूजा और सरस्वती पूजा की हमेशा से प्रमुखता रही हैं। बीते कुछ समय में राम नवमी और हनुमान जयंती मनाने के लिए लोग उत्साहित नजर आते हैं। आपको बता दें कि इस साल 17 अप्रैल को रामनवमी है।
इतना ही नहीं, हाल के कुछ वर्षों में रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की जबरदस्त घटनाएं देखी गई हैं। बीजेपी ने इन हिंसक घटनाओं के लिए ममता बनर्जी की सरकार को सीधे-सीधे जिम्मेदार ठहराया। साथ ही ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि पिछले साल भी रामनवमी के दौरान भी हिंसा हुई थी।
पश्चिम बंगाल सरकार की इस घोषणा पर बीजेपी ने पलटवार किया है। आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, ”ममता बनर्जी हर बार ‘जय श्री राम’ सुनते ही गुस्से से लाल हो जाती थीं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में राम नवमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है। ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि को बदलने के लिए किया है। हालांकि अब बहुत देर हो चुकी है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो। क्या वह ऐसा करेंगी? जय श्री राम!”
ममता सरकार के द्वारा यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) रविवार को कोलकाता के प्रसिद्ध ब्रिगेड परेड मैदान में एक विशाल रैली करने के लिए तैयार दिख रही है। इस रैली के साथ ही टीएमसी अपने लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रही है। इस रैली का नाम ‘जन गर्जन सभा’ रखा गया है। ममता बनर्जी आगामी चुनावों के लिए एजेंडा स्थापित करने के लिए इस मंच का उपयोग कर सकती हैं। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी इस रैली को संबोधित कर सकते हैं।
रैली से पहले अभिषेक बनर्जी ने शनिवार शाम को कार्यक्रम स्थल का खुद निरीक्षण किया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का अनुमान है कि 6-8 लाख लोगों की भीड़ उमड़ेगी।