जयपुर:राजस्थान सरकार गोवंश को बचाने के लिए आयुर्वेद विभाग से सुझाव लेकर देशी ईलाज के गाइडलाइन जारी करेगी। सीए गहलोत ने गाइडलाइंस जारी करने के मुख्य सचिव के निर्देश दिए है। सीएम गहलोत ने आज मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित लम्पी स्किन डिजीज की समीक्षा की। सीएम ने प्रदेशवासियों का आह्वान है कि वे सरकार को लिखित में अथवा 181 पर इस रोग से बचाव तथा उपचार के सुझाव दे सकते हैं। सभी जिलों में कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही, रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-ढाणी तक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। गौशालाओं की साफ-सफाई, सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव, फोगिंग तथा जेसीबी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। रोग की रोकथाम हेतु सभी जिला कलक्टर्स को जरूरत पड़ने पर बिना टेंडर दवाईयां खरीदने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। युद्धस्तर पर इस महामारी के उपचार,रोकथाम हेतु पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। सरकार हर पशुपालक के साथ खड़ी है, सभी के सहयोग से इस संक्रमण से जल्द निजात पा सकेंगे। समीक्षा बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सांसद, सभी जिलों के प्रभारी मंत्री, विधायकगण, सभी जिला कलक्टर्स, गौशाला प्रबंधक, पशुपालक, सरपंच, वार्ड पंच, स्थानीय निकायों के महापौर, चैयरमेन, पार्षद आदि जुड़े।
सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोनाकाल में लोगों का जीवन बचाना हमारी प्राथमिकता रही और इसके लिए हमने पर्याप्त ऑक्सीजन, दवाईयों, बैड्स तथा अन्य चिकित्सा सुविधाओं का प्रबंध किया। इसके कारण राजस्थान में अन्य राज्यों के मुकाबले कम मौतें हुईं। इसी ढंग से हम लंपी स्किन डिजीज को भी पूरी गंभीरता से ले रहे हैं, जिससे कि गायों की मृत्यु की नौबत नहीं आए। दवाइयों की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है, वैक्सीन का अभी परीक्षण जारी है तथा विकल्प के रूप में गोट पॉक्स वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला ने विश्वास दिलाया कि राज्य को पूरी मदद दी जाएगी। गौवंश का संरक्षण और संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान अवधि को 6 से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की अपील पर बड़ी संख्या में भामाशाह व स्वंयसेवी संगठन सहयोग के लिए आगे आए हैं। रोकथाम के लिए विधायक, महापौर, जिला प्रमुख, प्रधान, सरंपचों सहित सभी जनप्रतिनिधिगण अपने क्षेत्रों में दौरा कर पशुपालकों को जागरूक कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि रोगी मृत पशुओं के निस्तारण से ही संक्रमण का रूकना संभव है। इस कार्य में पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका है। गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि कोरोना महामारी के समय किए गए प्रबंधन के समान ही अब पूरा प्रबंधन किया जा रहा है तथा राज्य सरकार इस बार भी अपने प्रयासों में सफल होगी। सांसद देवजी पटेल ने राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए बीमारी के आयुर्वेद ईलाज के विकल्प की ओर भी ध्यान देने की बात कही। उपनेता प्रतिपक्ष श्री राजेन्द्र राठौड़ ने भी राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रभावी प्रबंधन की सराहना की। साथ ही, गौशालाओं में आइसोलेशन एवं क्वारंटीन की सुविधा उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया। वीसी के माध्यम से जुड़े कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि रोग के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी जिलों में लगातार मॉनिटरिंग जारी है। इसके परिणामस्वरूप रिकवरी रेट बढ़ रही है तथा मृत्यु दर कम हो रही है। पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि संकट की घड़ी में पक्ष हो या विपक्ष सभी को एकजुट होकर गौवंश में फैल रही बीमारी से संकल्पबद्ध होकर लड़ना है।