सिलाव: गुजरात में आतंक का पर्याय बना नालंदा जिले के सिलाव थाना क्षेत्र के गोरमा गांव निवासी प्रवीण उर्फ दीपक कुमार को गुजरात पुलिस ने एसटीएफ के सहयोग से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ गुजरात ले गई। प्रवीण पर गुजरात के विभिन्न थानों में हत्या, लूट, डकैती समेत अन्य अपराधों के दर्जनों मामले दर्ज हैं। उस पर गुजरात पुलिस ने 50 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था।
साधारण परिवार का प्रवीण उर्फ दीपक चार भाइयों में मंझला है। बड़े भाई की मृत्यु हो चुकी है। दोनों छोटे भाई टाटा में मजदूरी कर गुजारा कर रहे हैं। मां-पिता गांव में ही मजदूरी कर गुजारा करते हैं। किसी भाई की शादी नहीं हुई है। थानाध्यक्ष पवन कुमार के अनुसार जिले में उस पर कोई मुकदमा नहीं है। उसके माता-पिता करीब तीस वर्ष पहले काम की तलाश में गुजरात गये थे। प्रवीण भी साथ गया था। वह वहीं
अधिक पैसे की ललक में बना अपराधी
गुजरात के सूरत शहर की चकाचौंध में अधिक पैसे कमाने की ललक ने प्रवीण को अपराधी बना दिया। उसने गैंग बना लिया। इसके बाद वह हत्या, लूट, रंगदारी व डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम देने लगा। महाराष्ट्र में भी उसका गिरोह सक्रिय है। गुजरात के खटोडरा, उमरा, पानडेसरा, मेहसाणा, व्यारा, सूरत आदि कई शहरों के थाने में रंगदारी, हत्या, डकैती, लूट और आम्र्स एक्ट के मामले दर्ज हैं।
टिक गया, जबकि मां-पिता लौट आए।
दस दिन पहले आया था गांव
प्रवीण दस दिन पहले ही गांव आया था। एक सप्ताह पहले गुजरात पुलिस द्वारा एसटीएफ को उसके बिहार में होने की सूचना दिए जाने के बाद से पुलिस टोह में लगी थी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर प्रवीण के सटीक ठिकाने का पता चलने के बाद गुजरात पुलिस को सूचना दी गई। गुजरात पुलिस ने एसटीएफ की मदद से सोमवार को उसके गांव में जाल बिछाया। प्रवीण जैसे ही ताड़ी पीने के लिए बाइक से गांव के बाहर निकला, पुलिस ने उसे दबोच लिया और साथ लेकर चली गई।