देहरादून:उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे। भाजपा हाईकमान ने एक बार फिर धामी के नाम पर हामी भर दी है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा दल की बैठक के बाद सीएम के नाम का ऐलान किया। राजनैतिक सूत्रों की बात मानें तो नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री 24 या 26 मार्च को पद एवं गोपनियता की शपथ ले सकते हैं। साथ ही, कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है।
उत्तराखंड की पांचवी विधानसभा को 11वें दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री मिल गया है। नई दिल्ली से सोमवार दोपहर ऑब्जर्वर मीनाक्षी लेखी के साथ पहुंचे राजनाथ सिंह ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में सांसदों और विधायकों के बीच उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा की। बैठक के बाद सिंह ने सीएम के नाम का ऐलान किया है।
इससे पहले, सोमवार सुबह राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत को राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। इसके बाद, उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए चुने गए विधायकों को विधानसभा में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
विधानसभा चुनाव 2022 के लिए उत्तराखंड में 14 मार्च को प्रदेशभर में वोटिंग हुई थी। 10 मार्च को मतगणना के बाद भाजपा ने 47 सीटों जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। जबकि, कांग्रेस को 19 और निर्दलीय व बसपा को दो-दो सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ा।
सीएम चेहरे को लेकर लड़ रही भाजपा को करारा झटका लगा जब सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। उन्हें कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने हराया। धामी के चुनाव हारने के बाद सीएम पद की लॉबिंग जमकर शुरू हो गई थी। आखिरकार भाजपा हाईकमान ने विधायकों पर लगाम कसते हुए लॉबिंग पर विराम लगा दिया था।
इन विधायकों-सांसदों के बीच चली थी दौड़
उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायकों और सांसदों का नाम खूब उछला। चोबट्टाखाल विधायक सतपाल महाराज ,श्रीनगर विधायक धन सिंह रावत, हरिद्वार विधायक मदन कौशिक का नाम कई बार सुर्खियों में रहा। पहली बार, किसी महिला विधायक ऋतु खंडूरी का नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में शामिल हुआ था। साथ ही, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक,केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट सहित अनिल बलूनी का नाम भी चर्चा में रहा। हालांकि, सभी नेता अपने आप को रेस से बाहर बताते रहे।
मुख्यमंत्री बदलने पर भाजपा की किरकरी हुई थी
उत्तराखंड में पांच साल के कार्यकाल में दो-दो मुख्यमंत्री बदलने पर भाजपा की काफी किरकरी भी हुई थी। उत्तराखंड को तीन-तीन मुख्यमंत्री देने पर विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा सरकार को कई बार आड़े हाथों भी लिया था। प्रचंड बहुमत के साथ 2017 में सत्ता में आई भाजपा ने सबसे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था।
करीब चार साल के कार्यकाल के बाद भाजपा ने रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड की कमान सौंपी थी। लेकिन, कुछ ही महीनों के बाद भाजपा में उत्तराखंड की भागदौड़ युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में सौंप दी थी।