नई दिल्ली:नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने तलाक के मामले में अदालत का रुख किया है। अब्दुल्ला की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया है। अब्दुल्ला ने अदालत से कहा कि हमारी शादी टूट चुकी है और अब रिश्ते सुधर नहीं सकते। यह बात कहते हुए उमर अब्दुल्ला ने तलाक की मांग की है। इस पर अदालत ने पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया और कहा कि आप 6 सप्ताह के अंदर इसका जवाब दें। इसके साथ ही कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है।
उमर अब्दुल्ला का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि दोनों की शादी खत्म हो चुकी है। दोनों बीते 15 सालों से अलग रहते हैं। उनके बीच अब पति और पत्नी जैसा कोई रिश्ता नहीं है। इस पर जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने पायल को नोटिस जारी किया है। सिब्बल ने बेंच से मांग की कि वह संविधान के आर्टिकल 142 में वर्णित अधिकार के तहत इस मामले में फैसला दे। शादियों को लेकर इस नियम का हवाला सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। इसके आधार पर किसी भी तलाक के मामले को वाजिब समझते हुए कोर्ट खुद शादी को भंग करने का आदेश दे सकता है।
दरअसल उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था और कहा था कि उन्हें क्रूरता के आधार पर तलाक दिया जाए। इस पर उच्च न्यायालय ने कहा था कि उमर अब्दुल्ला के आरोप अस्पष्ट हैं और साबित नहीं होता है कि पायल ने उनके साथ क्रूरता की है। हाई कोर्ट से झटका लगने के बाद उमर अब्दुल्ला ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया और फैसले को चुनौती दी। उच्च न्यायालय ने पारिवारिक अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा था कि पायल के खिलाफ क्रूरता के अब्दुल्ला के आरोप अस्पष्ट थे।
1994 में हुई थी उमर और पायल की शादी, 2009 से हैं अलग
उमर और पायल की शादी सितंबर 1994 में हुई थी, लेकिन वे काफी समय से अलग रह रहे हैं। उमर की तलाक याचिका को 30 अगस्त, 2016 को एक पारिवारिक अदालत ने खारिज कर दिया था। पारिवारिक अदालत ने माना कि वह शादी के टूटने को साबित करने में विफल रहे। अदालत ने कहा कि उमर “क्रूरता” या “त्याग” के अपने दावों की पुष्टि नहीं कर सके और किसी ऐसी विशिष्ट परिस्थिति की व्याख्या करने में असमर्थ थे, जिसके कारण पायल के साथ संबंध बनाए रखना उनके लिए असंभव हो गया था। इसके बाद उमर अब्दुल्ला उच्च न्यायालय चले गए थे और अब उनकी तलाक की अर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।