कोलकाता। कोलकाता के सरकारी अस्पताल आरजी कर में महिला डॉक्टर से हैवानियत को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई के हवाले की जा चुकी है। अब बंगाल सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि सीबीआई को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए क्योंकि 90 फीसदी केस तो कोलकाता पुलिस सॉल्व कर चुकी है। सीबीआई 18 अगस्त तक दोषियों को फांसी तक पहुंचा दे।
महिला डॉक्टर से दरिंदगी की हदें पार करने वालों के मृत्युदंड की वकालत करते हुए ममता बनर्जी ने टीएमसी की तरफ से विरोध प्रदर्शनों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ये प्रदर्शन 17 से 19 अगस्त तक होने वाले हैं। ममता ने कहा, “17 अगस्त को सभी ब्लॉकों में विरोध मार्च निकाला जाएगा और अपराधी को सजा देने की मांग की जाएगी> 18 अगस्त को सभी ब्लॉकों में प्रदर्शन किया जाएगा और 19 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।”
गौरतलब है कि 9 अगस्त को हुए इस जघन्य कांड के बाद से देशभर में विरोध प्रदर्शन के जरिए गुस्सा निकाला जा रहा है। खासकर डॉक्टर्स और चिकित्सा पेशवरों में सुरक्षा मुहैया कराने की मांग तेज हो गई है। बता दें कि बीते शुक्रवार को महिला डॉक्टर आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम में मृत पाई गई थी। महिला डॉक्टर की नाइट ड्यूटी थी और उन्हें आखिरी बार उनके साथियों ने सेमिनार में आराम के लिए जाते हुए देखा था। महिला डॉक्टर के मुंह, आंख और गुप्तांग से खून बह रहा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कई चौंकाने वाली बातें सामने आई थी। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि पीड़िता के साथ गैंगरेप किया गया।
भाजपा के टीएमसी पर संगीन आरोप
इस बीच मामला राजनीतिक रंग भी ले रहा है। केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का आरोप है कि टीएमसी ने इतने गंभीर मुद्दे पर बेहद हैरानी भरा रवैया अपनाया। उनका कहना था कि टीएमसी की एक भी महिला सांसद ने कोलकाता में डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के बारे में बात नहीं की। उन्होंने मामले में “कुछ गड़बड़” होने की भी आशंका जताई। आरोप लगाया कि डॉक्टरों के वॉट्सऐप ग्रुप के चैट में टीएमसी सांसद के भतीजे का नाम बार-बार आ रहा है। इसमें टीएमसी नेता की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।