हिन्दू पंचांग के अनुसार होली महोत्सव 8 मार्च 2023, बुधवार के दिन देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। बता दें कि प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का आयोजन किया जाता है और अगले दिन रंग वाली होली खेली जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और भक्त प्रहलाद की उपासना की जाती है। ऐसे में इस शुभ अवसर पर वास्तु से जुड़े कुछ उपायों को करने से साधक को बहुत लाभ मिलता है।
वास्तु शास्त्र में बताया गया है होली पर किए गए कुछ खास उपायों (Holi 2023 Vastu Tips) से गृहस्थ जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही इन उपायों का विधिपूर्वक पालन करने से आर्थिक क्षेत्र में लाभ मिलता है। आइए जानते हैं होली से जुड़े कुछ अचूक वास्तु उपाय, जिनसे साधक को धन लाभ और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
जरूर लगाएं अशोक या आम के पत्तों का वंदनवार
वास्तु शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में अशोक और आम के पत्तों को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए होली पर्व के दिन घर के मुख्य द्वार पर अशोक या आम के पत्तों का वंदनवार जरूर लगाएं। ऐसा होलिका दहन के दिन करना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर चली जाती है और घर में सुख-समृद्धि व आर्थिक उन्नति का आगमन होता है।
बांस का पौधा
वास्तु शास्त्र में बांस के पौधे को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए होली या होलिका दहन के दिन घर के मुख्य स्थान पर बांस का पौधा रखें और इस बात का ध्यान रखें कि उसमें 7 या 11 बांस की लकड़ियां हो। मान्यता है कि जिस घर में बांस का पौधा होता है, वहां लक्ष्मी वास करती हैं और आर्थिक क्षेत्र में उन्नति होती है।
घर ले आए धातु से बना कछुआ
वास्तु शास्त्र में धातु से बने कछुए को भी बहुत शुभ माना गया है। इसलिए होली के शुभ अवसर पर पंच धातु से बने कछुए को घर के उत्तर दिशा में स्थापित करें। इस बात का ध्यान रखें कि कछुए की पीठ पर श्री यंत्र या कुबेर यंत्र अवश्य बना हो। इसके साथ कछुए को पानी वाले छोटे बर्तन में रखें। ऐसा करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।