डेस्क:विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार नाकाम होने के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह खुलकर सामने आने लगी है। सियासी गणितज्ञों के साथ ही कांग्रेस नेताओं को भी पूरी उम्मीद थी कि माहौल उनके पक्ष में है। इस बार 10 साल का वनवास जरूर खत्म होगा, लेकिन चुनाव परिणाम उम्मीदों से ठीक उलट रहे। इससे पार्टी नेताओं के साथ कार्यकर्ता भी काफी आहत हैं। एक तरफ जहां पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चुनाव परिणामों को लेकर मंथन में जुटा है, तो दूसरी ओर प्रदेश और जिलास्तर पर पार्टी नेता खुलकर अपनी बातें रख रहे हैं। हार के कारणों को गिनाने के साथ नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और कांग्रेस पार्टी के आंतरिक ग्रुप में जमकर हंगामा हो रहा है।
चुनाव के दौरान रेवाड़ी से बेटे की हार के बाद पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, दक्षिण हरियाणा की 11 सीटों में से कांग्रेस महज एक सीट जीत पाई है। पार्टी को इस हार के कारणों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा में गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में सिर्फ एक सीट पार्टी के खाते में आई। कांग्रेस की तरफ से अहीरवाल में कांग्रेस वर्किंग कमेटी, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी, महासचिव और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोई प्रतिनिधित्व करने वाला नहीं है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने ओबीसी का चेयरमैन बनाकर सिर्फ कोरम पूरा किया है।
‘मामन खान को बयान पर माफी मांगनी चाहिए’
कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान के द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान दिया गया भाषण दुर्भाग्यपूर्ण था। उनको जनता से माफी मांगनी चाहिए। उनको सांप्रदायिक बात नहीं करनी चाहिए थी। वह खुद चुनाव जीत रहे थे। इसमें कोई शंका नहीं थी। उनके संबोधन का असर चुनाव में कांग्रेस पार्टी पर पड़ा। चुनाव के दौरान उम्मीदवार को एक-एक शब्द काफी सोच-समझकर बोलना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को देखना होगा कि एक दशक से पार्टी के पास संगठन नहीं है। जिले में और ब्लॉक में अध्यक्ष नहीं है। चुनाव में बड़ी कमजोरी रही कि कांग्रेस के पास संगठन नहीं था। पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए आत्मचिंतन की बात है। वहीं मामन खान पर टिप्प्णी करने के बाद उनके समर्थकों ने भी विरोधाभास दिखाते हुए टिप्पणी करनी शुरू कर दी है।
चेयरमैन पद सिर्फ झुनझुना
कैंप्टन अजय सिंह यादव कांग्रेस पार्टी में ओबीसी के चेयरमैन हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से चुनाव के दौरान चेयरमैन का दिया गया पद सिर्फ एक झुनझुना है। पार्टी को दक्षिण हरियाणा की अनदेखी करना महंगा पड़ा। पार्टी ने जहां भी वर्किंग कमेटी चेयरमैन बनाएं हैं, वहां पर चुनाव के नतीजे बेहतर आए हैं। यमुनानगर, कैथल, सिरसा और रोहतक में नतीजे बेहतर आए हैं।
नेताओं के बिगड़े बोल ने पार्टी का समीकरण बिगाड़ा
चुनाव के दौरान रेवाड़ी, बादशाहपुर और फरीदाबाद की एनआईटी सीट से कांग्रेस की टिकट से चुनाव में उतरे उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार में बिगड़े बोल ने उनके समीकरण को ही बदल दिया। एनआईटी से चुनाव लड़ रहे नीरज शर्मा ने प्रचार के दौरान कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर वह डिप्टी सीएम बनेंगे। इसके अलावा वोट के साथ नौकरी में कोटा देने की बात के बाद से वह विवादों में आ गए थे। इसके अलावा चुनाव की घोषणा होते ही रेवाड़ी से कैप्टन अजय सिंह यादव के बेटे चींरजीव राव ने कहा था कि वह चुनाव जीतेंगे और सरकार में डिप्टी सीएम बनेंगे। इसके अलावा बादशाहपुर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे वर्धन यादव ने भी डिप्टी सीएम बनने की इच्छा जताई थी। चुनाव परिणाम आने के बाद तीनों विधायक हार गए।
चुनाव के बीच मुख्यमंत्री को लेकर खींचतान ठीक नहीं
पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि चुनाव के दौरान सबसे बड़ा लक्ष्य जीत का होता हैं। उस दौरान मुख्यमंत्री को लेकर खींचतान सार्वजनिक होना पार्टी के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। जीत हासिल करने के बाद ही मुख्यमंत्री बनने का फैसला होना चाहिए। चुनाव में काफी मुद्दे होते हैं और एक मुद्दा ईवीएम का भी है। ईवीएम में 12 घंटे के बाद भी बैट्री 99 प्रतिशत रही थी और सभी वोट भाजपा के हित में थी। इससे गड़बड़ी की आशंका है।