चंडीगढ़:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस पर पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि अगर विपक्षी पार्टी हरियाणा में सत्ता में आती है, तो वह पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे देगी। शाह ने आज महेंद्रगढ़ में पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण प्रदान करने के लिए 1950 के दशक में गठित काका कालेलकर आयोग का जिक्र किया। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने इसकी सिफारिशों को वर्षों तक लागू नहीं किया।
गृह मंत्री शाह ने कहा, ‘1980 में (तत्कालीन प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इसे 1990 में जब स्वीकार किया गया तो (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी ने ढाई घंटे का भाषण दिया था और ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था।’ शाह ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों से आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दे दिया। अगर वे यहां सत्ता में आते हैं तो यहां भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम हरियाणा में मुसलमानों के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं देंगे।’
एक पखवाड़े में हरियाणा का दूसरा दौरा
अमित शाह ने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ हरियाणा में सरकार बनाएगी। मालूम हो कि हरियाणा में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। शाह का पिछले एक पखवाड़े में हरियाणा का यह दूसरा दौरा है। उन्होंने 29 जून को पंचकूला में पार्टी की विस्तारित राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था। शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल में ओबीसी के क्रीमी लेयर के लिए वार्षिक आय सीमा 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये कर दी है। सैनी ने 24 जून को इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि इससे ओबीसी वर्ग को रोजगार में काफी लाभ मिलेगा।
‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान पर साधा निशाना
गृह मंत्री शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कांग्रेस के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘हुड्डा साहब, आपको 10 साल के कुशासन और हरियाणा को विकास से वंचित रखने का हिसाब देना होगा।’ हरियाणा में इस वर्ष के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने सोमवार को ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान शुरू किया। विपक्षी दल ने कहा कि अभियान के तहत वह बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था सहित विभिन्न मोर्चों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को निशाना बनाएगी। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस तरह के कैंपेन को काफी अहम माना जा रहा है।