श्रीनगर:जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का नाम आते ही अलगाववाद और बंद की अपीलें याद आती हैं। इसकी वजह है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की ओर से अकसर घाटी में बंद करने की अपीलें की जाती रही हैं। इसके अलावा मस्जिदों से फरमान जारी होते रहे हैं। लेकिन अब कश्मीर बदला हुआ नजर आ रहा है तो हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के रुख में भी सुधार हुआ है। हुर्रियत के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की तारीफ की है। अब जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश और वहां की पुलिस होम मिनिस्ट्री के अंतर्गत काम करती है। ऐसे में केंद्र सरकार के तहत काम करने वाली जम्मू-कश्मीर पुलिस की हुर्रियत की ओर से तारीफ किया जाना मायने रखता है।
हुर्रियत के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ड्रग डीलर्स और तस्करों पर ऐक्शन लिया है। यह अच्छी बात है और हमें प्रशासन की ओर से उठाए गए अच्छे कदमों की तारीफ करनी चाहिए। श्रीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि यहां तो नशा और ड्रग्स की तस्करी एक महामारी का रूप ले चुका था। लेकिन प्रशासन ने कुछ अच्छे कदम उठाए हैं और उम्मीद कर सकते हैं कि अब हालातों में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर इस बुराई से निपटने के लिए प्रयास करने होंगे।
मीरवाइज उमर फारूक ने कहा, ‘समाज में सुधार के लिए जरूरी है कि हम सभी लोग तत्काल प्रयास करें। इसी से समाज में बदलाव होगा। नशे की लत से 15 लाख लोग प्रभावित थे। हम सभी को चाहिए कि इस महामारी से निपटने के लिए सामूहिक तौर पर प्रयास करें।’ मीरवाइज ने कहा कि घाटी में मस्जिदों का बड़ा नेटवर्क है। हम इनके माध्यम से नशे की लत को दूर करने के लिए प्रयास कर सकते हैं। मीरवाइज ने कहा कि मस्जिद कमेटियों को प्रयास करना चाहिए कि कैसे समाज में बदलाव लाया जाए। लोगों को जागरूक किया जाए कि कैसे नशा उनकी स्थिति खराब कर सकता है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को ध्यान देना चाहिए कि कौन उनके पड़ोस में नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से ड्रग्स के तस्करों को अरेस्ट किया है और उनकी संपत्तियां जब्त करने जैसे ऐक्शन लिए हैं, वह तारीफ के काबिल है। इसकी सराहना की जानी चाहिए। यह देखना सुखद है कि प्रशासन नशे की बुराई को खत्म करने के लिए निर्णायक कदम उठा रहा है।