सीरिया के विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने हाल ही में एलेप्पो पर अचानक हमले के बाद कब्जा कर लिया है। यह इस्लामिक आंदोलन लंबे समय से देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों पर शासन करता आया है।
HTS का बदलता चेहरा
HTS ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी छवि को बदलने की कोशिश की है। 2016 में अल-कायदा से संबंध तोड़ने के बाद समूह ने खुद को अंतरराष्ट्रीय जिहाद से अलग दिखाने की कोशिश की। हालांकि, पश्चिमी सरकारों को यह विश्वास दिलाना कि यह समूह कट्टरपंथी जिहाद से पूरी तरह मुक्त हो गया है, अब भी एक बड़ी चुनौती है।
एलेप्पो पर कब्जा
एलेप्पो, जो 2016 के अंत से सीरियाई सरकारी बलों के नियंत्रण में था, अब HTS के कब्जे में है। HTS का दावा है कि उसने 2016 में अल-कायदा से संबंध तोड़ लिए थे। 2017 में इसने अपने संगठन का नाम बदलकर HTS कर लिया और अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे जिहादी समूहों के सदस्यों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया।
उत्तर-पश्चिम सीरिया में शासन
HTS 2019 से इदलिब प्रांत के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखता है। वहां उसने “सल्वेशन गवर्नमेंट” नामक प्रशासन स्थापित किया है, जो विद्रोही गढ़ की अर्थव्यवस्था को संचालित करता है। HTS के प्रति वफादार जजों के माध्यम से न्यायिक व्यवस्था चलाई जा रही है।
न्यूयॉर्क स्थित सौफान सेंटर के अनुसार, HTS ने खाद्य सामग्री पर सब्सिडी देने और बैंकिंग एवं ऊर्जा क्षेत्रों को स्थिर करने जैसे कदम उठाए हैं। यह दिखाता है कि समूह अपनी सत्ता को मजबूत करने और शासन की महत्वाकांक्षा रखता है।
HTS का जिहाद से दूर जाना?
विशेषज्ञों का कहना है कि HTS अब अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की तुलना में घरेलू लक्ष्यों पर केंद्रित एक विद्रोही समूह की तरह व्यवहार करता है। फ्रांसीसी पत्रकार वसीम नसर के अनुसार, HTS नेता अबु मोहम्मद अल-जोलेनी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि “अंतरराष्ट्रीय जिहाद ने केवल उनके समुदायों में विनाश और विफलता लाई है।”
हालांकि HTS ने कई उदार बदलाव किए हैं, जैसे महिलाओं को स्कूल जाने और गाड़ी चलाने की अनुमति देना, लेकिन यह अभी भी लोकतांत्रिक या उदारवादी मूल्यों को स्वीकार नहीं करता।
HTS की पुरानी छवि पर सवाल
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि HTS ने भले ही अपनी छवि बदलने की कोशिश की हो, लेकिन यह अब भी अपने कट्टरपंथी इतिहास से पूरी तरह मुक्त नहीं हुआ है। नई लाइन्स इंस्टीट्यूट की टैमी लिन पलासियोस के अनुसार, “HTS तब तक एक जिहादी संगठन बना रहेगा जब तक वह कट्टरपंथी समूहों और व्यक्तियों से पूरी तरह नाता नहीं तोड़ लेता।”
पश्चिमी मान्यता की चुनौती
HTS को अब भी अमेरिका और यूरोपीय संघ ने आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है। आतंकवाद विरोधी परियोजना (CEP) के निदेशक हैंस-जेकब शिंडलर का मानना है कि यह सूची में बने रहने योग्य है। उन्होंने कहा, “HTS की वैचारिक पुनर्निर्धारण की सच्चाई पर सवाल उठते हैं।”
भविष्य की राह
HTS की स्थिति तालिबान के समान मानी जा सकती है, जिसने 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया लेकिन पश्चिमी मान्यता हासिल करने में विफल रहा। HTS के लिए भी पश्चिमी आतंकवादी सूची से बाहर निकलना मुश्किल लगता है।
HTS का यह दावा कि उसने कट्टरपंथी जिहाद से संबंध तोड़ लिया है, कितना सटीक है, यह अभी भी बहस का विषय है। लेकिन यह स्पष्ट है कि समूह ने घरेलू शासन और सत्ता को मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है।