गाजियाबाद:नगर निगम की जमीन पर विजयनगर क्षेत्र में बन रहे एक मंदिर को मंगलवार को गिरा दिया। नगर निगम के संपत्ति विभाग ने प्रवर्तन दल के साथ मिलकर निर्माणधीन मंदिर गिरा दिया। बुधवार को इस बारे में बजरंग दल कार्यकर्ताओं को पता लगा तो उनमें आक्रोश पैदा हो गया। वह बड़ी संख्या में एकत्रित होकर मौके पर पहुंचे और निगम के खिलाफ नारेबाजी की। धरने पर बैठे कार्यकर्ता निगम के आला अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे। बजरंग दल के धरने की सूचना पर पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गया।
कार्यकर्ता का कहना है कि शहर में निगम की जमीन पर दूसरे समुदाय के भी धार्मिक स्थल बने हैं उन्हें भी तोड़ा जाए। नगर निगम के संपत्ति अधीक्षक भोलानाथ गौतम ने बताया कि सरकारी जमीन पर धार्मिक स्थल बनकर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था। इसकी शिकायत हुई थी। इसीलिए धार्मिक स्थल को गिराया है। वहीं, विश्व हिंदू परिषद ने कथित तौर पर सरकारी और कब्जा किए जमीनों पर बनाए गए मजारों और चर्चों की लिस्ट जारी करते हुए नगर निगम पर कार्रवाई की मांग की है।
विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि जिस जमीन पर मंदिर का निर्माण चल रहा था वह किसान की है। किसान ने प्लॉटिंग के समय मंदिर के लिए जमीन खाली छोड़ी थी। किसी कारणवश वहां मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया था। हिंदूवादी संगठन का दावा है कि मंदिर के भूखंड पर लगातार अवैध कब्जा हो रहा था। अब स्थानीय लोग मंदिर का निर्माण करवा रहे थे, जिसे बिना किसी नोटिस के तोड़ दिया गया। वीएचपी के महानगर अध्यक्ष आलोक गर्ग समेत बड़ी संख्या में हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने मौके पर जाकर नारेबाजी की और मंदिर का निर्माण दोबारा शुरू करा दिया।
आलोक गर्ग ने कहा कि नगर निगम गाजियाबाद भू माफियाओं के साथ मिलकर हिंदू विरोधी गतिविधि को अंजाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पास करीब 25 ऐसे स्थानों की सूची है जहां पर मजारों और चर्चों का अवैध निर्माण किया गया है। इन सरकारी जमीनों को नगर निगम कब कब्जा मुक्त कराएगा।