घसीटा राम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले हैं। रविवार की रात साढ़े बजे वो फिरोज गांधी कॉलोनी में स्थित अपने घर चले गए थे। उनके जाने के बाद किसी ने इस मजार को आग के हवाले कर दिया। इस मामले में सेक्टर 37 पुलिस थाने में केस दर्ज करवाया गया है।
घसीटा राम ने कहा है कि लोगों की मदद से इस आग पर काबू पाया गया है। घसीटा राम ने थाने में जो एफआईआर दर्ज करवाई है उसमें बताया है कि जब मैं वहां गया तो मैंने देखा कि मजार के अंदर प्रसाद रखा हुआ था वो सबकुछ जल गया था। मुझे पता चला है कि 5-6 युवा लड़कों का एक ग्रुप वहां जमा था और मजार को आग लगा दी।
भावनाएं आहत हुईं, दंगे हो सकते हैं
मजार के केयरटेकर का कहना है कि मजार को आग लगाए जाने से लोगों की भावनाएं आहत हुई है और यह समाज में अब दंगे की वजह बन सकता है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वो इस मजार में करीब 7 सालों से काम कर रहे हैं और उन्होंने देखा कि सभी धर्म के लोग यहां आकर आशीर्वाद लेते हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में घसीटा राम ने कहा, ‘यह दशकों पुराना पीर बाबा का मजार है और गांव के सभी लोग यहां पूजा-पाठ भी करने आते हैं। मजार को आग के हवाले करने की वारदात तब हुई है जब गुरुग्राम में कुछ दिनों पहले हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद धारा 144 लागू है।
इन धाराओं में केस हुआ दर्ज
इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 34 (एक ही मंशा से कई लोगों द्वारा अपराध करना), 153A (दो समूहों के बीच नफरत पैदा करना), धारा 188 (सरकार आदेश का उल्लंघन), धारा 436 (आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा घर या किसी अन्य चीजों को नष्ट करना)के तहत केस दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने की कोशिशें की जा रही हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस ने कहा कि रथिवास गांव के नजदीक शनिवार की रात एक ढाबे में भी आग लगा दी गई थी। इस मामले में बिलासपुर थाने में उसी दिन केस दर्ज करवाया गया था। गुरुग्राम पुलिस ने यह भी बताया है कि रविवार की रात सोहना में हिंसा फैलाने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में एक धार्मिक यात्रा के दौरान सबसे बड़ा हिंसा की आग भड़की थी। इसके बाद नूंह में जमकर हंगामा हुआ। जल्दी ही यह बवाल नूंह के बाद गुरुग्राम के कुछ हिस्सों के अलावा फरीदाबाद और पलवल तक पहुंच गया। इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग इस हिंसा में घायल भी हो चुके हैं।