इस साल शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हुए थे, जो कि 4 अक्टूबर को समाप्त होंगे। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को महानवमी भी कहा जाता है। नवमी तिथि पर हवन पूजन के साथ कन्या पूजन भी किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन व्रत पारण भी किया जाता है। नवरात्रि की नवमी के अगले दिन यानी दशमी तिथि को दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दशहरा या विजयदशमी 5 अक्टूबर को है। जानें नवमी तिथि पर व्रत पारण का समय-
महानवमी का आध्यात्मिक महत्व-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राक्षसों के राजा महिषासुर के खिलाफ मां दुर्गा ने नौ दिनों तक युद्ध किया था। इसी कारण यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है। देवी की शक्ति और बुराई पर जीत हासिल करने का यह अंतिम दिन होता है। जिसे महानवमी कहते हैं।
इस विधि से करें हवन-
महानवमी के दिन प्रात: जल्दी उठ जाना चाहिए।
स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
शास्त्रों के अनुसार हवन के समय पति- पत्नी को साथ में बैठना चाहिए।
किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें।
हवन कुंड में आम के पेड़ की लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें।
हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए। आप इससे अधिक आहुति भी दे सकते हैं।
नवमी व्रत पारण मुहूर्त 2022-
नवरात्रि की नवमी तिथि 4 अक्टूबर को मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि 03 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है जो कि 4 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी। नवमी के दिन व्रत पारण करने वाले लोग दोपहर 02 बजकर 20 मिनट के बाद व्रत खोल सकते हैं।