दीपावली की खरीदारी के लिए इस वक्त हर घर में विशेष तैयारियां चल रही हैं। धनतेरस पर जिसका, जैसा सामर्थ्य होता है लोग उसके हिसाब से खरीदारी करते हैं। कोई सोने-चांदी के आभूषण खरीदता है तो कोई कार-बाइक, कोई इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण खरीदता है तो कोई एक थाली खरीदकर ही पर्व मना लेता है। पिछले कुछ वर्षों में धनतेरस पर झाडू खरीदने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, वहीं बहुत से लोग छिपे तौर पर कछुआ और उल्लू के पंजे खरीदते हैं। वास्तव में धनतेरस पर किन वस्तुओं को खरीदने का पौराणिक महत्व है और किन चीजों को सुनी-सुनाई बातों पर खरीदा जा रहा है, इसे लेकर जानकार अपनी राय रखते हैं।
गणेश-लक्ष्मी की पूजा आवश्यक दीपावली के अवसर पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान पुराणों में है। ऐसे में यही पूजा सर्वाधिक करनी चाहिए। सामान्य मिट्टी के पात्र खरीद सकते हैं। चिकनी मिट्टी के पात्र नहीं।
सफाई जरूरी
धनतेरह पर झाड़ू का भी विशेष महत्व है। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं. दिवाकर त्रिपाठी ‘पूर्वांचली’ का कहना है कि झाड़ू नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करती है। घर में सफाई होगी तो सकारात्मक सोच विकसित होगी। जो लक्ष्मी के प्रवेश का द्वार है। ऐसे में झाड़ू और कलश सर्वाधिक उपयोगी तथा पौराणिक मान्यता के अनुसार है।
उल्लू का पंजा खरीदना महत्वहीन
पं. दिवाकर त्रिपाठी का कहना है कि कछुआ और उल्लू के पंजे खरीदना पूरी तरह से सुनी सुनाई बाते हैं। कहा कि कछुआ देखना शुभ है। यह संवृद्धि का प्रतीक है लेकिन दीपावली से इसे जोड़ने का कहीं कोई पौराणिक महत्व नहीं है। भगवान विष्णु ने कच्छप अवतार लिया था। ऐसे में कछुआ घर में रखने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी, यह सही है लेकिन दीपावली के दिन इसे खरीदने का कोई मतलब नहीं है। वहीं, उल्लू के पंजे की पूजा का भी उल्लेख कहीं नहीं है। उन्होंने तर्क देकर कहा कि भगवान शिव की पूजा होती है। मंदिर में भगवान शिव के साथ नंदी की पूजा करते हैं, लेकिन अकेले नंदी की पूजा कहां पर होती है।
बर्तन की खरीदारी धनतेरस पर सबसे ज्यादा खरीदारी बर्तन की होती है। कोई बाल्टी खरीदता है तो कोई थाली, कोई कढ़ाई तो कोई डिनर सेट खरीदता है। त्योहार पर घर में कुछ नया आना अच्छी बात है, लेकिन सबसे अच्छा माना जाता है कलश। ज्योर्तिविदों का कहना है कि भगवान धनवंतरी कलश लेकर अवतरित हुए थे। माता लक्ष्मी भी जब समुद्र से निकलीं तो उनके हाथ में कलश था। ऐसे में पात्रों की खरीदारी में सबसे शुभ कलश ही है। कलश खरीदकर इसमें जल भरकर दीपावली के दिन पूजा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है।