नई दिल्ली:अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में सरकार जीएसटी स्लैब में बदलाव कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी काउंसिल की अगले महीने होने वाली बैठक में टैक्स स्लैब को सुसंगत बनाने पर चर्चा की जाएगी लेकिन अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि विलासितापूर्ण एवं नुकसानदेह उत्पादों पर क्षतिपूर्ति उपकर पर भी चर्चा होने वाली है और इस पर नौ सितंबर को या उसके बाद होने वाली बैठक में विचार किया जा सकता है।
जीओएम की बैठक
जीएसटी रेट्स को सुसंगत बनाने के लिए गठित मंत्री-समूह (जीओएम) की पिछले सप्ताह बैठक हुई थी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व में हुई उस बैठक में जीएसटी स्लैब को पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने पर सहमति बनी। जीओएम ने दरों पर अनुशंसा करने वाले अधिकारियों की फिटमेंट समिति को कुछ वस्तुओं पर दरों में फेरबदल का विश्लेषण करने और उन्हें जीएसटी काउंसिल के समक्ष लाने के लिए भी कहा।
यूपीएस पर क्या बोलीं वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) कोई यू टर्न नहीं है बल्कि यह पूरी तरह से नई योजना है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की हिस्सेदारी में कोई बढ़ोतरी या कमी नहीं की गई है बल्कि सरकार की हिस्सेदारी पहले की 14 प्रतिशत हिस्सेदारी बढ़कर अब 18.5 प्रतिशत हो जाएगी।
कब से होगा लागू
यूपीएस अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू होगी। निर्मला सीतारमण के मुताबिक यह पूरी तरह से नयी स्कीम है। इसमें पुरानी पेंशन से कोई लेना नहीं है और एनपीएस से भी कोई लेना नहीं है। हालांकि जो लोग अभी एनपीएस में हैं उनको अपने लाभ के अनुसार स्कीम चुनने की सुविधा दी गयी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसको लागू करने के लिए राज्यों पर कोई दबाव नहीं डाल सकती है।