डेस्क:महाराष्ट्र के जलगांव में साल के पहले ही दिन दो गुटों में मामूली विवाद ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। विवाद ऐसा भड़का कि देखते-ही देखते पथराव और आगजनी होने लगी। इसके बाद पुलिस को शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। ये विवाद तब शुरू हुआ, जब उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के एक गांव में राज्य के मंत्री गुलाबराव पाटिल की कार के चालक और स्थानीय निवासियों के समूह के बीच हॉर्न बजाने को लेकर मामूली विवाद हुआ।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पल्थी गांव में हिंसा के दौरान कई दुकानों में आग लगा दी गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, जिसके बाद से सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारी ने बताया कि कसाईवाड़ा में राज्य के मंत्री गुलाबराव पाटिल की कार के चालक और स्थानीय लोगों के एक समूह के बीच उस समय तीखी नोकझोंक हुई, जब चालक ने हॉर्न बजाकर रास्ता देने के लिए कहा।
शिवसेना नेता और जलापूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री पाटिल इस मौके पर मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके परिवार का एक सदस्य कार में सवार था। उन्होंने बताया कि हालांकि बहस मौके पर ही खत्म हो गई, लेकिन बाद में इलाके के कुछ लोग गांव के चौराहे पर पहुंच गए और विरोध-प्रदर्शन शुरू कर किया। इसके बाद एक और समूह वहां पहुंच गया, जिसके बाद दोनों गुटों में झड़प शुरू हो गई। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद दोनों गुटों में पथराव हुआ फिर तोड़फोड़ और गांव में कई दुकानों में आग लगा दी गई।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असल विवाद पलथी गांव के कसाईवाड़ा इलाके में मंगलवार देर रात शुरू हुआ था, जो बुधवार को हिंसक हो गई। उन्होंने बताया कि गांव में अतिरिक्त पुलिस कर्मियों, राज्य रिजर्व पुलिस बल और दंगा नियंत्रण पुलिस टीमों के साथ-साथ दमकल वाहनों को तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, स्थिति अब नियंत्रण में है। इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ जारी है।