डेस्क:जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने चेतावनी दी कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों के घरों को जमींदोज कर दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से आतंकवाद के दोषियों के खिलाफ एकजुटता के साथ खड़े होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा बल, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और लोग एकजुट हो जाएं तो एक साल में ही क्षेत्र से आतंकवाद का सफाया हो सकता है।
उप राज्यपाल ने उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैंने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी निर्दोष को नुकसान न पहुंचाएं, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अगर कोई आतंकवादियों को पनाह देता है तो उसके घर को जमींदोज कर दिया जाएगा। इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’
सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग बयान देते हैं कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, यह अत्याचार नहीं है, बल्कि न्याय की मांग है और ऐसा न्याय जारी रहेगा।’
सिन्हा ने कहा कि ‘हमारा पड़ोसी अशांति फैलाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन यह हमें चिंतित नहीं कर रहा बल्कि यहां के लोग ही उसके निर्देश पर ऐसा कर रहे हैं यह चिंता का विषय है। ऐसे लोगों की पहचान करना सिर्फ सुरक्षा बलों और प्रशासन का ही काम नहीं है, बल्कि लोगों का भी काम है।’ उन्होंने कहा कि अगर लोग आतंकियों को पनाह देते हैं और फिर कहते हैं कि हम उनके साथ अन्याय कर रहे हैं, तो यह सही नहीं है।
जम्मू कश्मीर के लोगों से आतंक के खिलाफ खड़े होने का आह्वान करते हुए सिन्हा ने वहां मौजूद लोगों से पूछा कि क्या किसी को उन लोगों की हत्या करने का अधिकार है जो इस क्षेत्र में संपर्क बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं। वह गंदेरबल जिले के गगनगीर इलाके में सुरंग निर्माण स्थल पर 20 अक्टूबर को आतंकवादियों द्वारा एक स्थानीय चिकित्सक और छह प्रवासी मजदूरों की हत्या का संदर्भ दे रहे थे।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘अगर लोग ऐसे तत्वों के खिलाफ खड़े नहीं होंगे, तो यह स्थिति कभी नहीं बदलेगी। मेरा मानना है कि जो लोग केवल औपचारिकता के लिए बयान जारी करते हैं, वे उनसे (आतंकवादियों) से भी बदतर हैं।’ उनकी यह टिप्पणी घाटी में आतंकवाद संबंधी घटनाओं में वृद्धि के बीच आई है।